नए साल के पहले दिन ISRO ने रच दिया इतिहास, XPoSat मिशन लॉन्च, 21 मिनट बाद 650Km की कक्षा में सैटेलाइट स्थापित, जानिए ये क्या-क्या करेगी

एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को आज यानी, 1 जनवरी को सुबह 09:10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। XPoSat में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी के लिए दो पेलोड पोलिक्स और एक्सपेक्ट लगे हैं। 21 मिनट बाद इन्हें पृथ्वी की 650 Km ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया।

अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश बन गया

एक्सपोसैट सैटेलाइट एक अडवांस्ड एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी है, जिसका काम ब्लैक होल और न्यूट्रोन सितारों की स्टडी करना है. अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश बन गया है, जो अंतरिक्ष में ऑब्जर्वेटरी के जरिए ब्लैक होल की स्टडी करेगा.

एक्सपोसैट एक्स-रे फोटोन और अपने अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप के जरिए ब्लैक होल से निकलने वाले रेडिएशन की स्टडी करने वाला है. ये ब्लैक होल के रहस्यों से पर्दा उठाएगा. इस मिशन का जीवनकाल पांच साल का है.

एक्सपोसैट मिशन के जरिए दो पेलोड भेजे गए

एक्सपोसैट मिशन के जरिए दो पेलोड भेजे गए हैं, जिन्हें पोलिक्स (पोलरेमीटर इंस्ट्रूमेंट एक्स-रे) और एक्सपैक्ट (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कॉपी और टाइमिंग) कहा जाता है. पोलिक्स पेलोड के जरिए सैटेलाइट एक्स-रे से निकलने वाली पोलराइजेशन को मापेगा.

मिशन के जरिए ब्रह्मांण में मौजूद एक्स-रे सोर्स के लंबे समय तक स्पेक्ट्रल स्टडी की जाएगी. पोलिक्स और एक्सपैक्ट पेलोड के जरिए ब्रह्मांडीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का ध्रुवीकरण और स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप भी किया जाएगा.

इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि रॉकेट की चौथी स्टेज को एक्सपेरिमेंट के लिए 650 Km ऊपर रखा जा सकता था, लेकिन इससे स्पेस में डेब्री (कचरा) क्रिएट होती। इसी कारण हम चौथी स्टेज को 350 Km की ऑर्बिट में लेकर आए, ताकि यह एक्सपेरिमेंट के बाद नष्ट हो जाए।

2024 का साल गगनयान का होगा

वहीं उन्होंने इस साल के मिशन्स को लेकर कहा कि 2024 का साल गगनयान का होगा। इस साल गगनयान मिशन की 2 टेस्ट फ्लाइट होगी, जिसके बाद अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है। इसके अलावा कई सारे अन्य मिशन है। इसरो के लिए ये साल काफी हेक्टिक होने वाला है।