छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां का नाम है, मिथिला की मैथिली ठाकुर

अनूप नारायण सिंह की कलम से…

शास्त्रीय संगीत, मिथिला और अन्य लोकभाषाओं की जानी-मानी गायिका मैथिली ठाकुर देश की पहली पंक्ति के शास्त्रीय गायक की टोली में शामिल हो गयी है। मैथिली कोई साधारण लड़की नहीं है। रियलिटी शो “राइजिंग स्टार” के पहले सीजन की रनर अप रहने के साथ मैथिली ने केवल 20 साल की उम्र में अब तक सात सौ से ज्यादा लाइव शो किये हैं। वो गाती हैं, अपने दो छोटे भाइयों के साथ हैं।  मैथिली के मझले भाई ऋषभ ठाकुर को तबले पर थाप देना पसंद है।  आकाशवाणी ने मैथिली ठाकुर के साथ ऐसा अनुबंध किया हैं जिसके तहत मैथिली के द्वारा गाये हुए शास्त्रीय संगीत को 99 साल तक प्रसारित किया जायेगा। यह एक कीर्तिमान है कि इतनी कम उम्र की किसी भी गयिका से आकाशवाणी की ओर से आजतक ऐसा कोई अनुबंध नहीं हुआ था।

संगीत अपने परिवार की ओर से विरासत में मिला है

गौरतलब है कि अपनी गायकी के लिए मशहूर मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी में हुआ। मैथिली अपने अपनी माता पूजा ठाकुर एवं संगीत शिक्षक पिता रमेश ठाकुर के साथ बचपन से ही संगीत के वातावरण में पली बड़ी हैं। इनके परिवार में मैथिली के अलावा एक बड़ा भाई रिषभ ठाकुर व छोटा भाई अयाची ठाकुर हैं। मैथिली की प्रारंभिक शिक्षा बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से पूरी हुई। अभी मैथिली 18 साल की हैं और दिल्ली के कॉलेज आत्माराम सनातन धर्मं कॉलेज से अपनी पढाई पूरी कर रही हैं। बतादें कि संगीत इन्हें अपने परिवार की ओर से विरासत में मिला हैं। साथही मैथिली को भी बचपन से ही संगीत का शौक रहा और उन्होंने गायन शुरू कर दिया था। मैथली की माता पूजा ठाकुर बताती है कि जब मैथिली 4 वर्ष की थी तभी इनके दादाजी ने इन्हें संगीत सिखाना शुरू कर दिया था। इनके छोटे भाई अयाची भी साथ में संगीत सीख रहे हैं। परिवार में मैथिली को प्यार से सब तन्नु, आयाची को हब्बू और सबसे बड़े भाई रिषभ को सन्नी बुलाते हैं।

मैथिली के कामयाबी का सफ़र

मैथिली को संगीत में पुर्या धनाश्री राग सबसे ज्यादा प्रिय हैं। मैथिली ने पहली बार वर्ष 2011 में लिटिल चैंप्स का ऑडिशन दिया था परन्तु वह रिजेक्ट हो गई थी। जिसके बाद कई शोज के लिए ऑडिशन दिए, पर टॉप 20 तक आकर रिजेक्ट हो जाती थी। इन्होने 6 बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा पर हार नहीं मानी. इन्होने वर्ष 2015 आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार सीजन 2 का खिताब जीता था। जिसके बाद इन्होने इंडियन आइडल जूनियर 2 में भी टॉप 20 में जगह बनाई थी। वर्ष 2017 में मैथिली ने राइजिंग स्टार नामक सिंगिंग रियलिटी शो में चयन हुआ था। उस शो में अपने अच्छे प्रस्तुति के लिए इन्हें 94 प्रतिशत स्कोर प्राप्त हुए थे। इन्होने अपनी प्रस्तुति के दौरान भोर भये गाने का गायन किया था। इसके साथ ही मैथिली 5 बार की दिल्ली राज्य की शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। मैथिली ठाकुर ने 2016 में 11वीं की पढ़ाई के साथ थारपा नामक एलबम से अपने संगीत करियर की शुरुआत की हैं।

क्या है मैथिली का सपना

मैथिली बॉलीवुड में सफल प्लेबैक सिंगर बनाना चाहती हैं। मैथिली के पिता रमेश ठाकुर मूलत: बिहार के मधुबनी के रहने वाले हैं। 20 साल पहले वो बिहार से दिल्ली पहुंचे। मैथिली अभी भी बिहार जाती रहती हैं। वहां उनके दादा रहते हैं। मैथिली के पिता रमेश ठाकुर ने बताया कि दिल्ली में रहकर बच्चों को संगीत की शिक्षा दी है। बहुत ही कम लोगों को पता है कि मैथिली के बचपन का नाम तन्नू था। बाद में लोगों ने प्यार से मैथली बुलाना शुरू कर दिया। इसका श्रेय उनके दादा शोभासिन्धु ठाकुर को जाता है क्योंकि वो बिहार के मिथिला क्षेत्र से हैं।मैथिली दिल्ली के द्वारका में रहती हैं। मैथिली के पिता रमेश ठाकुर खुद भी दिल्ली में संगीत प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं। गांव से शुरू हुआ मैथिली का सफर आज देश-दुनिया तक पहुंच गया है।

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