ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्राचार्य अखिलेश प्रसाद पर छात्राओं द्वारा लगाये गये आरोप सही साबित हो गये हैं। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि प्रोफेसर अखिलेश प्रसाद ने लड़कियों के साथ इस तरह का काम किया है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर मुश्ताक अहमद ने पुष्टि करते हुए कहा कि प्रोफेसर अखिलेश कुमार दोषी पाये गये हैं।
प्रोफेसर अखिलेश कुमार पर छात्राओं ने अश्लील बातें करने और बिना कपड़ों की आपत्तिजनक तस्वीर भेजने का आरोप लगाया था। प्रोफेसर पर नोट्स और पीएचडी कराने के बहाने घर बुलाने समेत कई अन्य आरोप लगे थे। इसको लेकर 29 जुलाई से पांच अगस्त तक विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने आंदोलन भी किया था। छात्राओं की ओर से लगाये गये सभी आरोपों की ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी ने आंतरिक तौर पर जांच करायी है।
अब सवाल है कि दोषी पाये जाने के बाद उनपर क्या कार्रवाई होगी। प्रोफेसर अखिलेश प्रसाद को दोषी पाया गया है, ऐसे में अब निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल यूनिवर्सिटी ने अखिलेश प्रसाद को हमेशा के लिए विभाग से बाहर कर दिया है। कुलसचिव से जब कार्रवाई के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन इस संबंध में न्यायसंगत कार्रवाई करेगा। उन्होंने किसी सख्त कार्रवाई के सवाल पर चुप्पी साध ली। वैसे रिपोर्ट आने के बाद छात्राओं की ओर से प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग की गयी है।
कर दिया गया है स्थांतरण
पूरी घटना को देखते हुए कुलपति ने प्रोफेसर का स्थानांतरण डॉ. एलकेवीडी कॉलेज ताजपुर समस्तीपुर में कर दिया था। इसके साथ ही आंतरिक जांच कमेटी का गठन किया गया था। अब डेढ़ महीने के बाद आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट सामने आयी है। इसमें प्रोफेसर अखिलेश कुमार प्रसाद को दोषी पाया गया है। अब बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। फिलहाल एलएनएमयू ने प्रोफेसर को बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं। प्रोफेसर पर लगे सभी आरोप सच साबित हुए हैं और इस रिपोर्ट के आने के बाद छात्राओं ने प्रोफेसर की बर्खास्तगी की मांग की हैं।
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