राजधानी पटना में घूसखोरी के आरोप में फंसे पुलिसकर्मियों को सजा मिलने का दौर शरू हो चूका है। एक सप्ताह भर के अन्दर दो थाना क्षेत्रों में हुए घूसखोरी कांड का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें थानाध्यक्ष से लेकर हवलदार और सिपाही तक की गिरफ्तारी हुई है। ताजा मामला पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र का है, जहां तीन पुलिसकर्मियों को एक होटल संचालक से घूस लेने के आरोप में उन्हीं की तैनाती वाले थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद इन तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी किया गया है।
दरअसल, पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र में एक आवासीय होटल में मारपीट की घटना हुई थी। इसकी जानकारी किसी ने SSP उपेंद्र शर्मा को दी। इसके बाद तत्काल रामकृष्ण नगर थाना प्रभारी को मामले की जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया। SSP ने जिस वक्त थाना प्रभारी को कार्रवाई की बात कही उस समय थाना प्रभारी न्यायालय में गवाही के लिए गए हुए थे। उन्होंने क्विक मोबाइल के जवानों को तत्काल मौके पर पहुंचने को कहा। क्विक मोबाइल के जवानों ने मामले में होटल संचालक को हड़काया और उससे तत्काल 4000 ले लिए और बाकी के 10 हज़ार अगले महीने देने पर सहमति बनी।
पुलिसकर्मियों द्वारा पैसे लेने के बाद होटल संचालक ने इस सारे मामले की जानकारी SSP को दी। पटना एसएसपी सिटी एसपी (ईस्ट) जितेंद्र कुमार के साथ रामकृष्ण नगर थाना और संबंधित होटल पहुंच गए और पूरे मामले की जांच की। जांच के बाद हवलदार समेत तीनों पुलिसकर्मी प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए, जिसके बाद उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया। सिपाही सोमवार की रात उसी थाने की हाजत में बंद रहे जहां पिछले कई महीनों से ड्यूटी बजा रहे थे। इससे पहले भी पिछले दिनों निगरानी विभाग की टीम ने दीदारगंज थानाध्यक्ष को उनके अंगरक्षक के साथ बालू माफिया से 60 हज़ार घूस लेते गिरफ्तार गिरफ्तार कर लिया था।
इस मामले के बाद पटना पुलिस की काफी फजीहत हुई थी। दीदारगंज की इस घटना के बाद एसएसपी ने तमाम थानों को अपनी आदत से बाज आने की कड़ी हिदायत दी थी लेकिन इसके बावजूद रामकृष्ण नगर थाना के पुलिस कर्मियों पर घूसखोरी का भूत सवार था जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।
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