BIHAR : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षकों के सेवाशर्त का मामला जल्द सुलझाने पर मुहर लग गयी है। पंचायती राज संस्थानों और नगर निकाय संस्थानों द्वारा नियुक्त शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवाशर्त सुधार के लिए गठित समिति में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए सेवाशर्त लागू कर दिया जाएगा। नए बदलावों के बाद अब इस कमेटी में महाधिवक्ता द्वारा अपर महाधिवक्ता के रूप में नामित अन्य पदाधिकारी को कमेटी में शामिल किया जा सकेगा।
शिक्षकों को मिल सकेंगे ये लाभ
- प्रारंभिक शिक्षकों का अपने जिले में तबादला हो सकेगा
- माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों का तबादला प्रमंडल स्तर पर हो सकेगा
- नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति मिल सकेगी
- इन शिक्षकों को सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिल सकेगा
- अवकाश की सुविधा बढ़ेगी। यह बाकी शिक्षकों की तरह हो सकेगा।
- कई तरह के वैसे भत्ते जो अभी अस्थायी शिक्षकों को मिल रहे हैं उनका भी लाभ मिल सकेगा।
- पीएचईडी में 641 नौकरियां
11 अगस्त 2015 को जारी आदेश का होगा पालन
पहले इस कमेटी में प्रधान अपर महाधिवक्ता को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रावधान था। लेकिन राज्य में प्रधान अपर महाधिवक्ता का पद लंबे समय से रिक्त है। इसी प्रकार कमेटी में विभागों के अपर मुख्य सचिव को भी शामिल किया जा सकेगा। कमेटी के संबंध में 11 अगस्त 2015 को जारी आदेश के अनुसार पुराने नियमों के हिसाब से कमेटी में वित्त, शिक्षा, सामान्य प्रशासन, नगर विकास विभाग व पंचायती राज विभाग के सचिव या प्रधान सचिव सदस्य हो सकते थे। इनमें से अनेक विभागों में विभागीय प्रमुख के रूप में अपर मुख्य सचिव कार्यरत हैं। नतीजा कमेटी की बैठक नहीं हो पा रही थी।
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