बिहार में स्कूली शिक्षकों की बहाली के लिए बनेगा शिक्षक रिक्यूमेंट बोर्ड, शिक्षक बहाली में जनप्रतिनिधियों की भूमिका होगी खत्म

बिहार सरकार मुखिया, पंचायत समिति प्रमुख, ज़िला परिषद अध्यक्ष एवं नगर परिषद अध्यक्ष जैसे जनप्रतिनिधियों की शिक्षक बहाली में भूमिका खत्म करने जा रही है। सरकार के शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले समय मे इन्हें चयन समिति और प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा। शिक्षा विभाग इसके लिए नियमावली में बदलाव कर रहा है। अगले चरण की शिक्षक बहाली अब शिक्षक रिक्यूमेंट बोर्ड के माध्यम से होगी। शिक्षा विभाग नए साल में शुरू होने वाली सातवें चरण की हाई स्कूल शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया से बदलाव को लागू करने की तैयारी में है।

आवेदन की प्रक्रिया भी बदलेगी

आवेदन की प्रक्रिया में भी बदलाव होगा। सातवें चरण में हाईस्कूलों में लगभग 40 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। अभी हाईस्कूलों में छठे चरण के तहत 32714 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही है। अगले साल जनवरी तक छठे चरण की बहाली पूरी होने की संभावना है। छठे चरण में जो पद रिक्त रह जाएंगे, उसे भी सातवें चरण में शामिल कर दिया जाएगा। आवश्यकता होने पर उच्च व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक बहाली नियमावली 2020 में भी संशोधन किया जा सकता है।

ऑनलाइन लिए जाएंगे आवेदन

सातवें चरण में बहाली के लिए अभ्यर्थियों से केंद्रीयकृत (सेंट्रलाइज) तरीके से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 37447 शिक्षकों की बहाली के लिए 2019 एसटीईटी ऑनलाइन परीक्षा ली गई थी। 2021 में जारी रिज्ल्ट में 80402 अभ्यर्थी क्वालिफायड हुए। एसटीईटी 2011 में उत्तीर्ण 16196 वैसे अभ्यर्थी जो छठे चरण में चयनित होकर शिक्षक नहीं बन सकेंगे, वे सातवें चरण की बहाली में शामिल हो सकेंगे।

संजय कुमार, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोई विवाद न पैदा हो इस लिए शिक्षक बहाली के लिए अलग भर्ती बोर्ड बनेगा। विवाद को दूर करने के लिए सेंट्रलाइज तरीके से आवेदन लिए जाएंगे। नियोजन इकाई तो पंचायत व नगर निकाय होंगे, लेकिन इसके जनप्रतिनिधि चयन प्रक्रिया से अलग रहेंगे। हाईस्कूलों में अगले साल होने वाली शिक्षक चयन प्रक्रिया बदली जाएगी।