भारत को मिली एक और कूटनीतिक सफलता, अमेरिका ने लगाया चीन को लताड़, तो भारत के कसीदे पढ़ते नजर आए अमेरिका के राष्ट्रपति।

रूस का सपोर्ट करने को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर कड़े शब्दों में चीन को चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा है कि चीन पर जिस तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं उससे चीन को सबक लेना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ भारत को लेकर अमेरिका ने कहा है कि भारत रूसी हथियारों पर निर्भर है, जिसे वो कम करने की कोशिश करेंगे। यूएस डिप्टी स्पीकर ऑफ स्टेट वेंडे शेरमैन ने ब्रसेल्स में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चीन यूक्रेन के हालात संभालने में भारत की मदद नहीं कर रहा है बल्कि वो रूस के साथ खड़ा है। वेंडे ने आगे कहा कि- रूस के खिलाफ जिस तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं उम्मीद है उसे देखकर चीन कुछ सबक लेगा। चीन ने देखा है कि हमने रूस पर क्या-क्या प्रतिबंध लगाए हैं। इससे चीन को अंदाजा लग जाना चाहिए कि हमारे पास क्या-क्या विकल्प हैं और हम जरूरत पड़ने पर क्या कुछ कर सकते हैं।

अमेरिका समझता है भारत की मजबूरी

वहीं भारत के लिए नर्म रुख अख्तिायर करते हुए शेरमैन ने कहा- हमें पता है कि भारत की हथियारों को लेकर रूस पर निर्भरता है। हम इसमें भारत की मदद करने की कोशिश करेंगे। ऐसे करके हम वैश्विक स्तर पर रूस के हथियार बिजनेस को कम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत भी इस बात को समझता है कि हथियारों को लेकर रूस पर निर्भरता ज्यादा दिन नहीं चलेगी क्योंकि रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लग रहे हैं।

बाइडन-मोदी की बातचीत से निकला हल

शेरमैन ने आगे कहा- रूस की निंदा करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की बैठक से भारत गैरहाजिर रहा। इस महीने की शुरूआत में राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत हुई। इस बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी ने जो बाइडन को बताया कि चीन के साथ लगी सीमाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें रूसी हथियारों पर निर्भर रहना पड़ता है। रूसी हथियारों का विकल्प काफी महंगा है। अमेरिका भारत की परेशानी समझता है और हम कोशिश करेंगे कि रूसी हथियारों पर भारत की निर्भरता को कम किया जा सके।