देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव एवं कैबिनेट सचिव द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। सभी मुख्य सचिवों ने सूचित किया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई जनता कर्फ्यू की अपील को जबर्दस्त एवं स्वतः स्फूर्त प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।
कोविड-19 के प्रसार को रोकना है लक्ष्य
कोविड-19 के प्रसार को सीमित करने की आवश्यकता को देखते हुए, इस पर सहमति जताई गई कि 31 मार्च, 2020 तक अंतर-राज्यीय परिवहन बसों सहित गैर-अनिवार्य यात्री परिवहन की आवाजाही पर प्रतिबंध को विस्तारित किए जाने की तात्कालिक आवश्यकता है।
75 जिलों में लॉकडाउन का सुझाव
विस्तृत विचार विमर्शों के बाद, राज्य सरकारों को 75 जिलों, जिनमें कोविड-19 से संबंधित मामलों या हताहतों की पुष्टि हुई है, में केवल अनिवार्य सेवाओं को परिचालित करने की अनुमति देने के लिए उपयुक्त आदेश जारी करने का सुझाव दिया गयां। राज्य सरकारें स्थिति के अपने आकलन के अनुसार सूची को विस्तारित कर सकती हैं। नोट किया गया कि कई राज्य सरकारों ने पहले ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
ये महत्वपूर्ण फैसले
इस उच्च स्तरीय बैठक के बाद 31 मार्च, 2020 तक उपनगरीय रेल सेवाओं सहित सभी रेल सेवाएं स्थगित करने का फैसला किया गया है। 31 मार्च, 2020 तक सभी मेट्रो रेल सेवाएं स्थगित रहेंगी। राज्य सरकारें 75 जिलों, जिनमें कोविड-19 से संबंधित मामलों की पुष्टि हुई है, में केवल अनिवार्य सेवाओं को परिचालित करने की अनुमति का आदेश जारी करेंगी। अंतर-राज्यीय यात्री परिवहन भी 31 मार्च, 2020 तक स्थगित रहेगा।
इस उच्चस्तरीय बैठक में निजी अस्पतालों को भी कोविड-19 की जांच के लिए चिन्हित करने पर विचार किया गया।
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