केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के अटकलों के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचेगे दिल्ली, बिहार BJP से कुछ बदलाव की संभावना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निजी दौरे पर मंगलवार को दिल्ली जाएंगे। लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता और मुंगेर सांसद ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के इस प्रस्तावित दिल्ली दौरे का मंत्रिमंडल विस्तार से कोई लेना-देना नहीं।

मीडिया से बातचीत में सोमवार को ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री निजी यात्रा पर अपनी आंखों का इलाज कराने दिल्ली जा रहे हैं। उनकी इस यात्रा का केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार से कोई मतलब नहीं है। मंत्रिमंडल विस्तार और इसमें उनके शामिल होने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पीएम का विशेषाधिकार है, किसे शामिल करना है, यह भी उन्हीं का विशेषाधिकार है और इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, कि मंत्रिमंडल विस्तार और जदयू का उसमें शामिल होना अटकलबाजी है और अटकलबाजी पर राजनीति नहीं होती।

JDU से इन तीन नामों का प्रस्ताव

राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह – नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी एवं मुंगेर के सांसद हैं। इसके पूर्व वे चौदहवीं व पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।  भूमिहार जाति से आने वाले ललन सिंह अगड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से केंद्र में नीतीश कुमार का प्रतिनिधित्व होगा। ललन सिंह पूरी तरह से नीतीश कुमार की लाइन पर राजनीति करने वाले नेता हैं। इन्हें नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं।

रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ RCP सिंह – राज्यसभा के सांसद और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कुर्मी जाति से आने वाले RCP सिंह प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं। नीतीश कुमार के अध्यक्ष रहने के दौरान आरसीपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह नंबर दो की हैसियत रखते थे। हालांकि, वो ज्यादा सुर्खियों में रहना पसंद नहीं करते। बिहार चुनाव के दौरान पार्टी की रणनीति तय करना, प्रदेश की अफसरशाही को कंट्रोल करना, सरकार की नीतियां बनाना और उनको लागू करने जैसे सभी कामों का जिम्मा उनके कंधों पर रहा। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। यही वजह है कि उन्हें ‘जेडीयू का चाणक्य’ भी कहा जाता है।

नीतीश कुमार के नीति निर्धारकों में से एक RCP सिंह सरकार और दल का बैलेंस बनाकर चलने वाले नेता हैं। सबसे बड़ी बात कि इनके केंद्र में मंत्री बनने से नीतीश कुमार की जाति का प्रतिनिधित्व केंद्र में बढ़ जाएगा। इनको कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।

संतोष कुशवाहा – पूर्णिया से लोकसभा सदस्य हैं। कुशवाहा जाति से आने वाले इस सांसद को केंद्र में मंत्री बनाकर नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण को साधने में कामयाब होंगे। जाहिर सी बात है कि कुर्मी जाति से RCP सिंह आते हैं और संतोष कुशवाहा कुशवाहा जाति से आते हैं। इनको केंद्र में राज्य मंत्री का दर्जा मिल सकता है।

BJP के एक मंत्री को ड्रॉप करने की चर्चा

वही, भाजपा नेताओं के बीच चर्चा है कि एक मंत्री को ड्रॉप किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक नाम स्पष्ट नहीं है कि वो एक मंत्री कौन होगा। लेकिन, भाजपा इस मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को ज़रूर ध्यान रखेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि  एक मंत्री ड्रॉप होंगे तो एक मंत्री बनाए भी जाएंगे। यूपी चुनाव में जिस जाति का समीकरण फिट बैठता है, उस जाति से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, जिसका प्रभाव यूपी पर भी खासा पड़े। मालूम हो कि भाजपा के सारे फैसले केंद्रीय नेतृत्व लेता है तो इस बार भी बिहार के मंत्रियों पर फैसला दिल्ली में ही होगा।