उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब मैनुअल ड्रिलिंग यानी हाथ से खुदाई की जाएगी। जो पाइपलाइन मजदूरों को बाहर निकालने के लिए डाली जा रही है, उसके अंदर से ऑगर मशीन को हटाना होगा।
इसी ऑगर मशीन से खुदाई हो रही थी, और पाइपलाइन को आगे बढ़ाया जा रहा था। लेकिन ये प्लान काम नहीं कर रहा है, इसलिए दूसरे प्लान के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, मजदूरों के रेस्क्यू में अभी काफी समय लग सकता है।
पीएम ने सीएम धामी से लिया अपडेट
वहीं हर दिन की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सिलक्यारा स्थित निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन सिलक्यारा में आई बाधा के संबंध में जानकारी ली। सीएम ने उन्हें बताया कि इस्पात की बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने से कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा…
करीब 32 मीटर का हिस्सा अंदर फंस गया
रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि जिस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग हो रही थी उसका शाफ्ट टूट गया है। शाफ्ट को जब बाहर निकल रहे थे तो 15 मीटर का एक हिस्सा बाहर आ गया है, वहीं करीब 32 मीटर का हिस्सा अंदर फंस गया है।
अंदर फंसे 32 मीटर के टूटे शाफ्ट को बाहर निकालना जरूरी है, लेकिन इसमें चुनौती ये है कि टूटा शाफ्ट निकालने से पाइप डैमेज हो सकता है। अगर पूरा डैमेज हुआ तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। अगर शाफ्ट का टूटा हिस्सा निकाल लिया गया, उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी।
अभी मजूदर करीब 10 मीटर दूर फंसे
अभी मजूदर करीब 10 मीटर दूर फंसे हैं। उन्हें बाहर निकालने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग बहुत ही मुश्किल टास्क होगा। 800 मिमी के संकरे से पाइप में एक बार में एक ही वर्कर अंदर जा सकता है। उसमें कटिंग करना भी बेहद ही मुश्किल होगा। इसमें टाइम भी बहुत ही ज्यादा लगेगा
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