भारत में COVID-19 मामलों के लिए दवा शुरू की गई

जहां दुनिया भर में कोरोना वायरस से पूरी दुनिया पीड़ित है, इससे बचाव एवं इलाज के लिए दुनिया भर में  में अलग-अलग वैक्‍सीन और दवा की खोजी जा रही है, ऐसे में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश में ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने COVID-19 से मामूली और मध्यम रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिरविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है। यह जानकारी कंपनी ने शनिवार को दी है। गौरतलब है कि मुंबई की कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) से इस दवा के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है। जहाँ कंपनी ने कहा कि फैबिफ्लू कोविड-19 के इलाज के लिए पहली खाने वाली फेविपिरविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। वहीं यह दवा लगभग 103 रुपये प्रति टैबलेट की दर से बाजार में उपलब्ध होगी।

फैबिफ्लू ब्रांड नाम से बाजार में पेश की दवा

ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने बताया कि यह दवा 34 टैबलेट की स्ट्रिप में होगी जो कि  3,500 रुपये के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर 200 मिलीग्राम टैबलेट के रूप में उपलब्ध होगी। ग्लेमार्क फार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने बताया कि, यह मंजूरी ऐसे समय मिली है, जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।

किस प्रकार के COVID-19 मरीजों को दी जाएगी दवा 

फैबिफ्लू कोविड-19 के उपचार के लिए भारत में पहली मौखिक फेविपिरविर अनुमोदित दवा है। इसकी सिफारिश पहले दिन में 1,800 मिलीग्राम दो बार और उसके बाद रोजाना 14 दिनों तक 800 मिलीग्राम दो बार की गई है। टैबलेट का उत्पादन कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश के बद्दी में किया जा रहा है। ग्लेनमार्क ने कहा कि यह दवा अस्पतालों और खुदरा चैनल दोनों माध्यम से उपलब्ध होगी। ग्लेनमार्क ने कहा कि कंपनी ने अपने इन-हाउस रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम के माध्यम से फैबिफ्लू के लिए सक्रिय फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआइ) और फॉ‌र्म्युलेशन को सफलतापूर्वक विकसित किया है।