IPL में चीनी कंपनियों का बॉयकॉट, स्पॉन्सर से हटा VIVO, पिछले साल 2200 करोड़ का हुआ था मुनाफा

भारत-चीन के रिश्ते में खटास के बाद भारत एक के बाद एक झटका चीन को दे रहा है। पहले सैकड़ों चीनी मोबाइल ऐप्प को प्रतिबंधित करने के बाद अब आईपीएल से मोबाइल कंपनी वीवी आईपीएल स्पॉन्सर से हट चुकी है। अब टूर्नामेंट के दौरान चीन की कंपनियों के विज्ञापन टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी नहीं दिखेंगे। पिछले साल टीवी और डिजिटल विज्ञापन से स्टार इंडिया को 2200 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था।

वीवो और ओपो की बात की जाए तो दोनों ने पिछले साल टूर्नामेंट के दौरान विज्ञापन पर 240 करोड़ रुपए खर्च किए थे। बार्क की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल आईपीएल के दौरान टॉप-10 सबसे ज्यादा विज्ञापन देने वालों की लिस्ट में दोनों कंपनियां शामिल थीं। हालांकि, त्योहारी सीजन की वजह से 1500 से 1700 करोड़ रुपए के विज्ञापन ब्रॉडकास्टर को मिल सकते हैं।

वीवो प्रो कबड्‌डी लीग के भी टाइटल स्पॉन्सर से हटा

वीवो ने कम से कम इस साल के लिए प्रो कबड्‌डी लीग के टाइटल स्पॉन्सर से हटने का फैसला किया है। वीवो ने 2017 से 2021 के लिए लीग से 300 करोड़ रुपए में करार किया था। यानी इससे लीग को हर साल 60 करोड़ रुपए मिलते हैं। कंपनी देश में हर साल मार्केटिंग और प्रमोशन पर लगभग 1 हजार करोड़ रुपए खर्च करती है।

टीमें 22 अगस्त को यूएई के लिए रवाना होंगी

आईपीएल की टीमें 20 अगस्त के बाद यूएई रवाना होंगी। चेन्नई सुपर किंग्स 22 अगस्त को रवाना होगी। कई फ्रेंचाइजी ने अलग-अलग शहर में रह रहे अपने खिलाड़ियों का कोविड-19 टेस्ट कराना शुरू कर दिया है। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि निगेटिव रिपोर्ट के साथ खिलाड़ियों का आना अच्छा है।