भीमा कोरेगांव यलगार परिषद मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर हनी बाबू एमटी को गिरफ्तार किया। एनआईए ने प्रोफेसर पर माओवादी विचारधारा फैलाने का आरोप लगाया है।एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि प्रोफेसर हनी बाबू उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर का रहने वाला है। वह डीयू के इंग्लिश डिपार्टमेंट में असोसिएट प्रोफेसर है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि हनी बाबू नक्सली गतिविधियों और माओवादी विचारधारा का प्रचार कर रहा था। हनी बाबू अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचने में शामिल था।
एनआईए कोर्ट में आज होगी पेशी
हनी बाबू को मुंबई में एनआईए की विशेष कोर्ट में आज पेश किया जाएगा। एनआईए ने इस साल जनवरी में मामले की जांच शुरू की थी। एनआईए ने इससे पहले 14 अप्रैल को आनंद तेलतुंबड़े और गौतम नौलखा को गिरफ्तार किया था।
31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुई थी हिंसा
31 दिसंबर 2017 को यलगार परिषद सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यहां कुछ बुद्धिजिवियों द्वारा भड़काऊ भाषणों दिया गया था जिस कारण अगले दिन 1 जनवरी 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के निकट हिंसा भड़क गई थी। इसमें एक युवक की जान चली गई थी। साथ ही करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ था।
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