देश में दो वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद इसी बीच भारत बायोटेक और सीएम में जुबानी जंग छिड़ गई है. भारत बायोटेक के संस्थापक डॉ. कृष्णा इल्ला ने कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) द्वारा दी गई मंजूरी की गति पर सवाल उठाने वालों की आलोचना की। उन्होंने लोगों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘हम इस आलोचना के हकदार नहीं हैं।’
हमने 200 प्रतिशत ईमानदार नैदानिक परीक्षण किए
डॉ. कृष्णा इल्ला ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला का नाम लिए बिना कहा, ‘हमने 200 प्रतिशत ईमानदार नैदानिक परीक्षण किए हैं और फिर भी हमारी आलोचना की जा रही है। यदि मैं गलत हूं तो हमें बताएं। कुछ कंपनियों ने हमें (हमारे टीके को) ‘पानी’ की तरह बताया है। मैं इससे इनकार करना चाहता हूं।
फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका और बाकी सिर्फ ‘पानी की तरह सुरक्षित’
सीरम के सीईओ पूनावाला ने रविवार को एक साक्षात्कार में कहा था कि केवल तीन वैक्सीन प्रभावकारी साबित हुई हैं- फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका और बाकी सिर्फ ‘पानी की तरह सुरक्षित’ हैं। इल्ला ने कहा कि अमेरिका और यूरोप ने ब्रिटेन से एस्ट्रेजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन परीक्षण डाटा को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था क्योंकि यह ‘सही’ नहीं था, लेकिन कोई भी ऑक्सफोर्ड के डाटा पर सवाल नहीं उठा रहा
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