भगवान गणेश को समर्मिप गणेश चतुर्थी त्योहार के साथ-साथ गणेश उत्सव आज से शुरू हो गया है। गणेश चतुर्थी का उत्सव प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। शनिवार 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर गणेश प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों का गणेश उत्सव आरंभ हो गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को दोपहर स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। वैसे तो हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष पर गणेश चतुर्थी आती है लेकिन भाद्रपद महीने की गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म दिन मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चौथ के नाम से भी जाना जाता हैं।
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री
- गणेश जी की प्रतिमा
- चौकी
- लाल आसन
- जल कलश
- पंचामृत
6 रोली - मोली
- लाल चन्दन
- जनेऊ
- गंगाजल
- सिन्दूर
- फूल और माला
- दूर्वा घास
- इत्र
- मोदक या लडडू
- नारियल और गुड़
- पान और सुपारी
- लौंग और इलायची
- फल
19 पंचमेवा
20 घी का दीपक
21.धूप और अगरबत्ती - कपूर
गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापना मुहूर्त
पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक।
दूसरा शुभ मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से शाम 4 बजकर 30 मिनट तक।
तीसरा शुभ मुहुर्त- शाम 6 से 7 बजकर 30 मिनट तक।
गणेश चतुर्थी योग- इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर विशेष योग बन रहा है। 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर सूर्य सिंह राशि में मौजूद रहेगा और मंगल मेष राशि में। ये दोनों ग्रह स्वयं की राशि में होंगे। गणेश चतुर्थी पर सूर्य और मंगल का ऐसा योग दोबारा 126 साल बाद बन रहा है।
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