रिजर्व बैंक ने कहा-आने वाले महीनों में बढ़ सकती है महंगाई, बोझ सहने को रहें तैयार

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया है कि आने वाले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.93 फीसदी पर पहुंच गई थी। मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, मांस और मछली के दाम बढ़ने की वजह से महंगाई बढ़ी है।

रिजर्व बैंक ने महंगाई को लेकर क्या कहा

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है, ‘खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से क्षेत्रीय आधार पर कीमतें दबाव में रह सकती हैं. इससे मेन इंफ्लेशन यानी मुख्य महंगाई के बढ़ने का जोखिम है. वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव का भी मुद्रास्फीति पर असर पड़ेगा।इन सब कारणों से परिवारों की मुद्रास्फीति को लेकर उम्मीद पर असर पड़ सकता है।

रिजर्व बैंक के सुविधाजनक स्तर से बाहर

जून महीने में खुदरा महंगाई दर 6.23 फीसदी थी। जून के बाद जुलाई में भी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय सुविधाजनक दायरे से बाहर हो चुके हैं। जुलाई में खाद्य महंगाई यानी कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स बढ़कर 9.62 फीसदी पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक का कहना है कि कोरोना संकट और खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से अगले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी।

एक साल में दोगुनी हुई खुदरा महंगाई

रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 के अंतिम महीनों में मुख्य मुद्रास्फीति बढ़ी है. इसी तरह खाद्य मुद्रास्फीति के लिए शॉर्ट टर्म का परिदृश्य अनिश्चित हो गया है. जून 2019 के आंकड़ों को देखें तो पिछले एक साल खुदरा महंगाई दर बढ़कर करीब दुगुनी हो गई है. जून 2019 में खुदरा महंगाई दर 3.18 फीसदी थी, जो जून- 2020 में बढ़कर 6.23 फीसदी हो गई।