उत्तराखंड में बादल फटने से भारी तबाही, नदियों का जलस्तर उफान पर

उत्तराखंड के टिहरी जिले के देवप्रयाग में बादल फटने से भारी तबाही की खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक नगर पालिका की बिल्डिंग सहित दो भवन जमींदोज हो गए। वहीं पूरा इलाक़ा मलबे से पट गया है। मंगलवार शाम को सतयुग के तीर्थ देवप्रयाग में करीब पांच बजे शांता नदी के ऊपरी छोर पर बादल फटने से नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। बताया जा रहा है कि नदी में आए मलबे ने शांति बाजार में भारी तबाही मचाई है। पैदल पुल का भी कहीं अता पता नहीं है।

DGP ने कहा कोरोना कर्फ्यू की वजह से कोई जनहानि नहीं

रुद्रप्रयाग में बादल फटने की घटना पर प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू की वजह से दुकानें के  बंद होने की वजह से कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंच चुकी है और मदद की जा रही है।

खबर है कि टिहरी जिले में बादल फटने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बादल फटने के बाद घटनास्थल की तस्वीरें तबाही का मंजर बयां कर रही हैं। वहीं नदियों का जलस्तर उफान पर आने से लोगों में दहशत का माहौल है। नदी के किनारे बसे लोगों के घरों को बादल फटने की घटना के बाद भारी परेशानी हो रही है। वहीं नदी के साथ आए मलबे से भारी तबाही मची है।

गौरतलब है कि इससे पहले 3 मई को उत्तराखंड के टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने की खबर सामने आई थी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट कर बताया कि मैंने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और प्रभावित लोगों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं। आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। साथही उन्होंने कहा कि अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम स्थल देवप्रयाग में दैवीय आपदा की सूचना है। बताया गया है कि ऊंची पहाड़ी में बादल फटने से देवप्रयाग में कई दुकानें और आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। ईश्वर की कृपा है कि इस प्राकृतिक घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।

दोनों जिलाधिकारियों को स्थिति पर लगातार नज़र रखने को कहा गया। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग, एनएच व बीआरओ को आदेश दिए गए कि जो मार्ग बंद हो गए हों उन्हें तत्काल खुलवाया जाये ताकि जनता को परेशानी न हो।