रामदेव एक योग गुरु जरूर पर योगी नहीं, बिहार बीजेपी अध्‍यक्ष ने IMA के साथ मेडिसिन विवाद के बीच कही ये बात

योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएम) के बीच चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) उत्तराखंड ने ने यह केस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बाबा रामदेव के उस वीडियो के आधार बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव पर 1000 करोड़ रुपए का मानहानि का केस दर्ज कराया है, जिसमें बाबा एलोपैथी को बकवास और दिवालिया साइंस कह रहे हैं। वहीं, IMA की नेशनल यूनिट ने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिखी है। इसमें लिखा है कि पतंजलि के मालिक रामदेव के वैक्सीनेशन पर गलत सूचना के प्रचार को रोका जाना चाहिए। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए हैं। उन पर देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसी बीच बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने निशाना साधा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा है कि विगत कुछ दिनों से एक अजीब प्रतियोगिता देख रहा हूं. हर बकवास का जवाब देना कोई आवश्यक नहीं होता है। ज्यादा बोल कर आप किसी को जरूरत से ज्यादा तवज्जो देने लगते हैं। अभी आइएमए भी ऐसा ही कर रहा है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से कहा है कि बाबा रामदेव एक अच्छे योग गुरु हैं पर योगी नहीं हैं। योग के प्रति उनके ज्ञान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन योगी उसको कहते हैं जो अपने मस्तिष्क सहित सभी इंद्रियों पर काबू पा ले।

आयुर्वेद की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा,  योग जीवन में बहुत आवश्यक है क्योंकि यह आपको निरोग रखता है। पर योग चिकित्सा पद्धति नहीं है। हजारों वर्षों से हमारे यहां इलाज के लिए चरक संहिता और सुश्रुत की शल्य क्रिया ही चलती थी। कोई योग गुरु नहीं चलते थे । आयुर्वेद शुरू से सम्मानित रहा है और सम्मानित है ।

मुझे इस बात का फक्र है कि भारत में आयुर्वेद के द्वारा बहुत सारी बीमारियां भी ठीक होती है पर हर चिकित्सा पद्धति की अपनी सीमाएं हैं। योग फिजियोथैरेपी का परिष्कृत रूप है जिसमें शरीर के साथ आपके आंतरिक स्वास्थ्य का भी संवर्धन होता है। यह उन्ही बीमारियों पर कारगर है जो फिजियोथैरेपी अथवा कसरत से ठीक की जा सकती हैं। इससे ज्यादा कुछ भी समझना अपनी जान को खतरे में डालने वाला होगा।  

बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने निशाना साधाते हुए कहा कि बाबा रामदेव जी को मैं मजाक में योग का कोका कोला बोलता हूं । हमारे यहां ठंडे पेय के रूप में सदियों से शिकंजी और ठंडई चलती थी पर हर घर में ठंडा , कोको कोला और पेप्सी के बाद ही रखा जाने लगा। उसी प्रकार भारतवर्ष में हजारों अति विशिष्ट योग साधक रहे हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं जीवन प्रणाली में मूलभूत परिवर्तन किए हैं पर योग को घर-घर पहुंचाने मे बाबा रामदेव के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।  

आईएमए से अपील करते हुए जायसवाल ने कहा,मैं अपने आईएमए के सभी मित्रों से अपील करूंगा कि कृपया हम निरर्थक बातों में प्रतियोगिता कर अपने वर्षों की साधना को बर्बाद नहीं करें । उन सभी मेडिकल चिकित्सकों जिन्होंने इस करोना काल में जान गंवाई है उनको यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। नीचे सुश्रुत वैद्य जी की तस्वीर विश्व के प्रथम पांच विश्वविद्यालयों में से एक मेलबर्न विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार की है ।7 वर्ष पहले जब मैं वहां गया था तो सभी चर्चा मेरी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिसिन पर नहीं बल्कि वर्तमान समय में आयुर्वेद के विकास मे भारत के योगदान के बारे में ही पूछे गए थे।