केन्द्रीय विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा बनाई गई संस्था “उद्गम विकास फाउंडेशन” कोरोना काल में ग़रीब और कमज़ोर तबके की मदद के लिए लगातार कर रही उपाय

विश्वव्यापी महामापरी कोरोना वायरस (COVID-19) के मद्देनजर हुए लॉकडाउन जहाँ एक ओर पूरी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है वही आर्थिक रूप से कमजोर लोग भूखमरी के कगार पर हैं। ऐसे में कई ऐसे भी लोग रहे जिन्हें बढ़-चढ़ कर लोगों की मदद के लिये आगे आते देखा गया।  ऐसी ही एक समाजसेवी संस्था है “उद्गम विकास फाउंडेशन”। ये संस्था लॉकडाउन में  लगातार जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आई है।दरअसल, लगभग डेढ़ वर्ष के इस संक्रमण काल में अधिकांश मजदूर कामगारों, ठेला चालकों, रिक्शा चालकों, फुटपाथ पर जीवन निर्वहन करनेवाले लोगों के बीच दो जून की रोटी के लाले पड़ गये हैं।  इस प्रतिकूल परिस्थिति में सरकार के साथ साथ कई स्वयंसेवी एवं समाजसेवी संस्थाएं निरंतर लोगों की मदद में जुटी हुई है। हर संस्था अपने अपने स्तर पर समाज सेवा का काम कर रही है। कोई मास्क, सैनिटाइजर बांट रहा है तो कोई जरूरतमंद लोगों को राशन व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवा रहा है।

बक्सर में राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम

जानकारी के मुताबिक कोरोना त्रासदी के कठिन समय में “उद्गम विकास फाउंडेशन” पूरे बिहार में निरंतर “राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम” चला रहा है। फाउंडेशन के संस्थापक सदस्यों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान फाउंडेशन ने बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के एकरासी पंचायत के शुक्लपुरा ग्राम में 100 लोगों के बीच 15 दिनों का आटा, चावल, दाल, चीनी, सरसों तेल के अलावा अन्य आवश्यक खाद्य सामग्रियां तथा कोरोना किट (मास्क, सेनेटाइजर, इन्हेलर) वितरित किया। केवल इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जन जागरूकता के लिए  जारी गाइडलाइन से संबंधित पैम्फलेट भी ग्रामवासियों के बीच बांटा गया ताकि उन्हें अधिक से अधिक लोग जागरूक किया जा सके।

मालूम हो कि “उद्गम विकास फाउंडेशन” द्वारा अब तक मोकामा, बड़हिया, लखीसराय, नालंदा, भोजपुर, वैशाली सहित बिहार के अन्य कई हिस्सों में राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है| गौरतलब है कि  कोविड-19 से उपजे विकट हालात को ध्यान में रखते हुए राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग़ के प्राचार्य के कर कमलों द्वारा स्कूल के कामगारों, ठेला एवं रिक्शाचालकों तथा फुटपाथ पर जीवन बसर करनेवाले लोगों के बीच सामग्रियों का वितरण कर कराया गया था।

दरअसल, केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग़, पटना के पूर्ववर्ती छात्रों एवं उनके परिजनों ने समाजसेवी संस्था “उद्गम विकास फाउंडेशन” की स्थापना की। इसके दिल्ली मुख्यालय से सम्पूर्ण भारत में काम कर रहा है। हालांकि इनमे से नौ संस्थापक सदस्य बिहार से हैं। जो दिल्ली, मुंबई, दुर्गापुर, पटना,बैंगलोर ,अमेठी में उच्च पदों पर सेवारत हुए भी समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं।

कहते हैं महिला के बिना घर खाली मकान होता है घर तो उसे महिला आकर बनाती है। उद्गम विकास फाउंडेशन की संस्थापक सदस्य पूनम त्रिपाठी जो शुक्लपुरा गांव की बेटी हैं ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके। राहत सामग्री वितरण के साथ साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। क्योकि काफी जद्दोजहद के बाद फिलहाल हालात थोड़े बेहतर हैं लेकिन ये भूलना मुश्किल है कि पिछले डेढ़ वर्ष में किस तरह की भयावह तस्वीरें हमें देखने को मिली है। सड़कों पर और घरों में ऑक्सीजन की कमी से लोग बदहवास थें। अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी से तड़पकर लोगों की मौत हो रही थी। कई परिवार आर्थिक तौर पर बर्बाद हो गए और कैसे उन्हें अपनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए कंधों पर ले जाना पड़ा। तीसरी लहर आने की बात कही जा रही इसलिए हमें सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। जागरूकता ही बचाव है और बिहार जैसे गरीब प्रदेश में पब्लिक अवेयरनेस रामबाण साबित होगा।

वहीं, इस कार्यक्रम में उदगम संस्था के सक्रिय सदस्य डॉक्टर शरद, सेवानिवृत बैंक प्रबंधक विजय शुक्ल, शक्ति तिवारी, नीरज चौबे , वार्ड सदस्य मिथिलेश शुक्ल, राकेश शुक्ल सहित फाउंडेशन से जुड़े अन्य प्रतिनिधिगणों ने अपनी अहम भूमिका निभाई।