पटना में कोरोना संक्रमित 57 फीसदी मरीजों ने होम आइसोलेशन का चुना विकल्प, बोले पटना डीएम, इससे अस्पतालों पर कम होगा बोझ

बिहार में कोरोना विकराल रूप लेते जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जो अपडेट जारी की गई है उसमें 16 और 17 जुलाई के मामले शामिल हैं. 16 जुलाई के बाद करें तो राज्य के 928 मामले को इसमें शामिल किया गया है. जबकि 17 जुलाई को अब तक 739 मामले सामने आए हैं. जिससे राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 24967 पर पहुंच गई है.

कोविड-19 वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण

हालांकि पटना से राहत की खबर है कि पटना में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के कुल 57 फीसदी मरीजों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है. उन लोगों में से एक का पसंदीदा विकल्प प्रतीत होता है. जिन्होंने पटना में कोविड-19 वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है, इस संक्रामक बीमारी से उबरने के लिए अब तक लगभग 57 फीसदी रोगियों ने इस विधा का विकल्प चुना है. 7 जुलाई को जारी एक अधिसूचना में राज्य सरकार के संकट प्रबंधन समूह ने डीएम को अधिकार दिया था कि वे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित लोगों को घर से बाहर जाने की अनुमति दें।

सकारात्मक मामले आएंगे सामने

पटना के डीएम कुमार रवि के अनुसार जिले में कुल 1,760 लोगों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 1,008 ने गृह अलगाव के लिए स्व-घोषणा पत्र दिया है। रावत ने कहा, “लोग घर से अलग होने का दावा कर रहे हैं, पटना में अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटरों पर बोझ कम होगा और सकारात्मक मामले सामने आएंगे।“

378 लोंगों में से 373 लोगों ने होम आइसोलेशन का चुना विकल्प

बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जारी आंकड़े में 378 लोंगों में से 373 लोगों ने होम आइसोलेशन के विकल्प का लाभ उठाया है
घर अलगाव की सुविधा केवल उन पैट के लिए उपलब्ध होगी। मंत्रालय के प्रधान सचिव उदय कुमार कुमावत ने आदेश जारी किया है कि होम आइसोलशन की सुविधा केवल उन मरीजों को मिलेगी जिनको घर पर सारी व्यवस्था हो।

डीएम और सिविल सर्जन को गाइडलाइंस भी जारी

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उमेश सिंह कुमावत ने सभी जिलों के डीएम और सिविल सर्जन को गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं। स्वास्थ्य सचिव की ओर से मंगलवार देर रात जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि किसी व्यक्ति को यह सुविधा तब ही मिल सकेगी, जब उनके घर पर सेल्फ आइसोलेशन और अन्य परिवार के सदस्यों को क्वारंटीन करने की सुविधा होगी। यह भी कहा गया है कि होम आइसोलेशन के दौरान नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य को भी देखना होगा और किसी भी तरह से कोविड-19 का लक्षण मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना होगा।

होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को अंडरटेकिंग भी देना होगा

मुख्य सचिव ने अलग-अलग जिला पदाधिकारियों के साथ कोरोना की रोकथाम के संबंध में समीक्षात्मक बैठक की। गाइडलाइंस में कहा गया है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को अंडरटेकिंग भी देना होगा।

होम आइसोलेशन पर डॉक्टरों की राय

पटना के जाने माने डायग्नोसिस और रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉक्टर प्रभात रंजन कहते हैं कि लोगों को उनके घरों पर ही क्वारंटीन कर उनका इलाज करने को बहुत सही फैसला नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि हमारे भारतीय घरों में एक ही कमरे में पूरा परिवार रहता है। एक ही टॉयलेट पूरा परिवार इस्तेमाल करता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति को क्वारंटीन करके रखना संभव नहीं होगा। यह केवल तभी कारगर हो सकता है जबकि पूरे परिवार में छोटे बच्चे न हों और कोरोना बीमार व्यक्ति को बिल्कुल अलग-थलग करके रखना संभव हो सके।

उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के दौरान भी किसी एक्सपर्ट की देखरेख हमेशा सुनिश्चित होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो होम आइसोलेशन खतरा बन सकता है।