Corona के वैक्सीनेशन से लोग होते है बांझपन का शिकार! जानिए वायरल वीडियो का सच…

भारत में चल रहे कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर कई अफवाहे उड़ाई जा रही है। यह कोई नई बात नही है। इससे पहले पोलियो के वैक्सीन को लेकर भी इस तरह की अफवाहें खूब उड़ी थीं। पोलियो बीमारी को समाप्त करने के लिए पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया गया है। वह कोविड के आने से पहले की दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान था।

.सुरक्षित हैं देश में लग रही सभी वैक्सीन
.वायरल वीडियो के दावे फर्जी- सरकार
भारत में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। कॉविड महामारी के बढ़ते प्रवाह को रोकने के लिए वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। इसी कारण सरकार ने नए साल में किशोरों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत की है। दूसरी ओर कुछ शरारती तत्व अफवाह फैलाने में जुटे हुए हैं।ऐसी ही एक अफवाह फैलाई जा रही है कि वैक्सीन लगवाने से लोग बांझपन का शिकार हो सकते हैं। सरकार ने इस अफवाह का खंडन किया है।

वैक्सीन को लेकर ऐसी अफवाहें कोई नई बात नहीं है। पोलियो के वैक्सीन को लेकर भी इस तरह की अफवाहें खूब उड़ी थीं। पोलियो बीमारी को समाप्त करने के लिए दुनिया भर में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन को अंजाम दिया गया है। वह कोविड से पहले की दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है। उस समय भी भारत समेत कई देशों में ऐसी बेबुनियाद बातें फैलाई गईं कि पोलियो वैक्सीन लोगों को बांझ बनाती है।
कोविड-19 के टीके को लेकर फैलाई जा रही अफवाह का खंडन करते हुए पीआईबी फैक्टचेक ने Tweet किया है. पीआईबी ने कहा, एक वीडियो में कोविड-19 और इसकी वैक्सीन से जुड़े कई फर्जी दावे किए जा रहे हैं। ऐसी भ्रामक वीडियो या मैसेज शेयर नहीं करें. देश में लगाई जा रही सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं। ऐसे फर्जी संदेशों को फैक्ट चेक के लिए हमारे साथ साझा करें।

आपको बता दें कि भारत में लगाई जा रही वैक्सीन को WHO भी सुरक्षित मानता है। ऐसे भ्रम फैलाने वाली बातों पर ध्यान न देकर लोगों को तत्काल वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। यह न सिर्फ संक्रमण पर लगाम लगाने का उपाय है बल्कि कोविड के खिलाफ शरीर को लड़ने में सक्षम बनाता है। इसी कारण अब 18 साल से कम उम्र वालों के लिए भी टीकाकरण की शुरुआत की गई है। दुनिया भर के कई हिस्से में बच्चों के लिए कोविड-19 टीका डेवलप करने पर काम चल रहा है।