प्रवर्तन निदेशालय से राहुल गांधी को क्यों लगने लगा डर, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राहुल के डर को भगाने का किया प्रयास…. सतर्क नजर आ रही है दिल्ली पुलिस।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होंगे। प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गांधी को समन भेजा था। यह समन नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी को भेजा गया है। आज ईडी के कार्यालय में राहुल गांधी की पेशी से पहले ईडी कार्यालय के बाहर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है। बता दें कि ईडी ने राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी नोटिस भेजा है, लेकिन माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते सोनिया गांधी ईडी के सामने पेश नहीं होंगी। ईडी की नोटिस के चलते आज कांग्रेस देश के सभी ईडी कार्यालय के सामने सत्याग्रह करेगी, यही वजह है कि ईडी कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। दिल्ली के तमाम कांग्रेस के सांसद आज इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। राहुल गांधी की पेशी से पहले दिल्ली में कई जगहों पर पोस्टर लगे हैं, पोस्टर में लिखा है, ये राहुल गांधी है, झुकेगा नहीं, राहुल जी संघर्ष करो हम आपके साथ हैं। सत्य झुकेगा नहीं राहुल झुकेगा नहीं। मैं सावरकर नहीं हूं, मैं राहुल गांधी हूं।

बता दें कि कांग्रेस आज पार्टी कार्यालय से ईडी के दफ्तर तक रैली निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पुलिस ने बताया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अकबर रोड पर बैठने की अनुमति मांगी थी, लेकिन ज्यादा भीड़ के चलते यह अनुमति नहीं दी गई। राहुल की पेशी से पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा था कि कांग्रेस के सभी सांद और कार्यसमिती के सदस्य व अहम नेता भी ईडी कार्यालय जाएंगे। सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि पिछले 7-8 सालों में केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया गया है, ईडी केंद्र सरकार की सबसे प्रिय एजेंसी है।

गौर करने वाली बात है का ईडी ने सोनिया गांधी को 23 जून को तलब किया है। लेकिन सोनिया गांधी कोरोना संक्रमित हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि वह ईडी के सामने पेश नहीं होंगी। इससे पहले 8 जून को उन्हें पेश होने के लिए कहा गया था। नेशनल हेराल्ड केस की बात करें तो भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में केस दायर करके कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने यंग इंडियन लिमिटेट के जरिए संपत्तियों का अधिग्रहण किया। 200 करोड़ रुपए की बिल्डिंग को कब्जा किया गया।