जाति के नाम पर भी नही चली उत्तरप्रदेश की राजनीति, स्वामी प्रसाद मौर्य नही बचा पाए अपनी सीट।

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर के पडरौना से जीत दर्ज की थी, लेकिन तब वो भाजपा के टिकट पर लड़े थे।

सपा का दामन थामने वाले और बीजेपी से नाता तोड़ने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य के लंबे लंबे भाषणों के बावजूद कुशीनगर के फाजिलनगर विधानसभा सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य खुद अपनी सीट नही बचा पाए इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने इस सीट से जीत दर्ज की है। वो पेशे से शिक्षक रहे हैं। यहाँ से सुरेंद्र कुशवाहा को 50,214 (53.4%) वोट प्राप्त हुए, जबकि सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य 23,825 (25.33%) वोटों पर अटक गए। इस तरह उनकी हार का अंतर 26,000 से भी ज्यादा रहा। तीसरे स्थान पर 14708 वोटों के साथ बसपा के इलियास ( 16.31%) रहे।

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुशीनगर के ही पडरौना से जीत दर्ज की थी, लेकिन तब वो भाजपा के टिकट पर लड़े थे। उससे पहले वो इसी सीट पर बसपा के टिकट पर भी विधायक रह चुके हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में लगभग 5 साल मंत्री रहने के बाद चुनाव के ऐन वक्त पर पाला बदल कर अखिलेश यादव की सपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने 93,649 (44.79%) मत पाकर बसपा के जावेद इकबाल को बड़े अंतर से हराया थे, जिन्हें 53,097 ( 25.4% ) वोट मिले थे।

अगर फाजिलनगर सीट की बात करें तो यहाँ से भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 10,2778 (48.57%) वोट पाकर जीत दर्ज की थी, जब दूसरे स्थान पर रहे विश्वनाथ सिंह को 60,856 (28.76%) और तीसरे स्थान पर रहे बसपा के जगदीश सिंह को 34250 (16.19%) मत प्राप्त हुए थे। विश्वनाथ सिंह 5 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। जबकि गंगा सिंह कुशवाहा ने 2017 से पहले 2012 में भी भाजपा की तरफ से जीत दर्ज की थी।

इस बार गंगा सिंह कुशवाहा के शिक्षक पुत्र और साफ़-सुथरे छवि के सुरेंद्र सिंह कुशवाहा को भाजपा ने मौका दिया था, जिनका मुकाबला स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ-साथ कॉन्ग्रेस के सुनील उर्फ़ मनोज सिंह और बसपा के इलियास से था। छठे चरण में कुशीनगर की इस सीट पर मतदान हुआ था। उनके बेटे अशोक पर वोटिंग के दौरान पैसे बाँटने के आरोप लगे थे, जिसके बाद पुलिस ने 8 घंटे थाने में रखने के बाद उन्हें जिले से बाहर निकाल दिया था।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं। बहुमत का आँकड़ा 202 है। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीती थी। वहीं कॉन्ग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा को 21.82% वोट के साथ 47 तो कॉन्ग्रेस को 6.25% वोटों के साथ 7 सीटें मिली थी। 22.23% वोट हासिल करने के बावजूद बसपा 19 सीटों पर सिमट गई थी। अन्य के खाते में 5 सीटें गई थी। उससे पहले 2012 में सपा और 2007 के विधानसभा चुनावों में बसपा को स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ था।