बीजेपी और राजद के व्यवहार के बाद छलका मुकेश सहनी का दर्द।

बिहार में मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश साहनी ने मंगलवार को यह स्वीकार कर लिया है कि एक तरह से उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी अगर एनडीए में रहती तो उन्हें भी सरकार में हिस्सेदारी का मौका मिलता।

एनडीए से बैर पर जदयू से है प्यार..

सोशल मीडिया पर लाइव आकर उन्होंने मंगलवार को अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मेरे बढ़ते कद और पार्टी के क्षेत्र में विस्तार के कारण सहयोगी दल द्वारा मुझे दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें एक तरह से एनडीए से बाहर कर दिया गया है, लेकिन वे नीतीश सरकार का अभी भी हिस्सा हैं।



सहनी ने कहा कि कुछ बातें ऐसे होती हैं जिन्हे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज हमारे सहयोगी की ओर से राजनीति नहीं कूटनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि आज सहयोगी हमे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि जैसे-जैसे हमलोगों की ताकत बढ़ेगी उन्हे अधिक सीटों पर समझौता करना पड़ेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि संकेत समझने की कोशिश कीजिए। उन्होंने इशारों ही इशारों में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग पिछले विधानसभा चुनाव में मेरी ताकत देखकर खुद मेरे पास आए थे। डेढ़ साल पहले 11 सीट और एक एमएलसी का ऑफर देकर मुझे एनडीए में शामिल कराया गया था।

उत्तरप्रदेश में अकेले चुनाव लडना वीआईपी को पड़ा महंगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड भी चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें कुछ नहीं बोला जा रहा है, लेकिन हमलोगों को बोला जा रहा है, क्योंकि हमें कमजोर माना जा रहा है। सहनी ने साफ कहा कि हमारी ताकत बढ़ रही है, इसलिए सहयोगी दलों को बर्दाश्त नहीं हुआ। हमारी ताकत देखते हुए सहयोगी दलों ने हमसे ही 11 सीट पर समझौता किया था। उन्हें लगा कि इसकी और ताकत बढ़ेगी तो आने वाले समय में 51 और 100 सीटों पर भी समझौता करना पड़ सकता है। ऐसे में वह हमसे लड़ाई लड़ रहे हैं।

सहनी ने अफसोस जताते हुए कहा कि उस दिन यदि लालू प्रसाद की बात मान लेते तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। राजद की तरफ से चार-चार मंत्री और डिप्टी सीएम बनाने का ऑफर था, हमने उसे ठुकरा दिया। हमने एनडीए पर भरोसा जताया, हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताया, लेकिन आज क्या हो रहा है, यह सब आपके सामने है।

गौरतलब है कि बिहार के बोचहा विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने जहां बेबी कुमारी को प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं वीआईपी गीता कुमारी को प्रत्याशी बनाया है। बिहार सरकार में शामिल दोनों दल चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। बात करे राजद की तो अंतिम समय में बोचहां से वीआईपी प्रत्याशी अमर पासवान को अपने खेमे में करके वह भी अपना रुख साफ कर चुकी है। अब देखना होगा कि मुकेश सहनी के मझधार को कौन सा खैवैया डूबने से बचाता है।