राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई बैठक में खाली नजर आई कुर्सियां, नही पहुंचे कई पार्टी के दिग्गज नेता….

राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए विपक्ष की ओर से कौन उम्मीदवार होगा? उस नाम को जानने से ज्यादा लोगों की उत्सुकता इस बात को लेकर थी कि ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई बैठक में कौन-कौन आएगा। क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर आएंगे? दोनों नेताओं ने आज बुधवार दिल्ली में होने वाली बैठक से दूरी बना ली। इन दो नामों की चर्चा इसलिए भी अधिक थी क्यों कि विपक्ष की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए खास रणनीति बनाई जा रही है। विपक्ष की अगुवाई कौन करेगा यह सवाल बड़ा है यदि बुधवार होने वाली बैठक में दोनों नेता शामिल हो जाते तो ममता बनर्जी के लिए बड़ी जीत होती और राजनीतिक गलियारों में अलग चर्चा शुरू हो जाती।

ममता की बैठक में कौन-कौन पहुंचा
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ममता की मेजबानी में बैठक करीब तीन बजे शुरू हुई। इसमें 15 दलों के नेता शामिल हुए। ममता ने सभी को बाहर आकर रिसीव किया। बैठक में पहुंचे नेताओं में- प्रफुल्ल पटेल, यशवंत सिन्हा, दीपंकर भट्टाचार्य, प्रियंका चतुर्वेदी, कुमारस्वामी, सुभाष देसाई, शरद पवार, पीसी चाको, महबूबा मुफ़्ती, सूरजेवाला, मनोज झा, उमर अब्दुल्ला, मल्लिकार्जन खड़गे, सुरजेवाला, जयराम रमेश शामिल थे।

केजरीवाल और केसीआर की दूरी के क्या हैं मायने
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से कौन उम्मीदवार हो इसको लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक से आम आदमी पार्टी ने किनारा कर लिया है। इस बैठक में AAP की ओर कोई शामिल नहीं होगा। आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद इस पर फैसला होगा। वहीं तेलंगाना के सीएम केसीआर भी इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। साथ ही उनकी पार्टी का कोई प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल नहीं हो रहा है।

ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच राजनीतिक संबंध मधुर है। दिल्ली में इन दोनों नेताओं की कई बार मुलाकात भी हो चुकी है। लेकिन आम आदमी पार्टी पिछले कई महीनों से खासकर पंजाब में शानदार जीत के बाद बीजेपी के विकल्प के रूप में खुद को देख रही है। आगामी गुजरात और हिमाचल के चुनाव की तैयारी जोरों पर है। पार्टी की ओर से लगातार यह मैसेज दिया जा रहा है कि AAP ही विकल्प है। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भी राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को कड़ी चुनौती पेश कर सकने वाले शक्तिशाली गठबंधन बनाने की कोशिश करने में जुटे हैं। दक्षिण की ओर से उनकी यह कोशिश जारी है।