आज मुख्यमंत्री निवास पर उच्चस्तरीय बैठक में LOCKDOWN के कारण बिहार के बाहर फॅसे अप्रवासी बिहारियों एवं बाहर से आये लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा हुई। जिसमें बताया गया कि बिहार में बाहर से अब तक 1 लाख 80 हजार 652 लोग आए हैं। उनकी स्क्रीनिंग के साथ ‘गरुड़ एप’ के माध्यम से उन पर सघन निगरानी रखने का काम हो रहा है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बाहर से बिहार आए हैं उनकी स्क्रीनिंग, भोजन एवं आवासन की व्यवस्था के साथ-साथ चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जाए। राज्य के सीमावर्ती जिलों में आपदा सीमा राहत केंद्रों में पूरी व्यवस्था रखें। गांव के स्कूलों में लोगों के आवासन एवं भोजन की उचित व्यवस्था रखें और उन केंद्रों पर सरकारी कर्मचारी को प्रभारी बनाकर बेहतर ढंग से काम कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखिया, सरपंच एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से भी समुचित प्रबंध रखें। पटना जैसे शहरों में काम करने वाले मजदूरों के लिए जो राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं, जरुरत पड़े तो उनकी संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में LOCKDOWN के कारण फंसे हुये हैं, वे जहाँ हैं वहीं पर रहें। बिहार सरकार उनकी पूरी मदद करने के लिये प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि लॉकडाउन के मद्देनजर सरकार ने सभी राशन कार्डधारियों को उनके खाते में 1000 रुपए देने का जो निर्णय को जल्द से जल्द अमल में लाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग जहां भी हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। लोग लॉकडाउन का पालन करें। सरकार की तरफ से सारे इंतजाम किए जा रहे हैं। लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है।
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