तिहाड़ में बंद शहाबुद्यीन को नहीं मिली पैरोल, पिता के अंतिम संस्कार में नहीं हो पायेंगे शामिल

सिवान के पूर्व सांसद बाहुबली शहाबुद्यीन को तिहाड़ जेल प्रशासन ने पैरोल देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल की मांग की थी। लेकिन जेल प्रशासन ने पैरोल देने से इंकार कर दिया है।

शहाबुद्यीन ने पैरोल के लिए लगाई थी अर्जी

सीवान से आरजेडी के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन ने तिहाड़ जेल से पैरोल को लेकर अर्जी लगाई है. तिहाड़ जेल के डीजी के पास अर्जी लगाई थी. कल उनके पिता का निधन हुआ है. वह अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते थे. लेकिन पेरौल नहीं मिल पाया. 2018 से शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद है।

शहाबुद्यीन के पिता का हुआ निधन

शहाबुद्दीन के पिता शेख हसिब्बूल्लाह का कल निधन हो गया. 85 साल के शेख हसिब्बूल्लाह करीब 2 महीने से बीमार चल रहे थे. जिन्हें इलाज के लिए पटना के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद उन्हें घर ले जाया गया था. जहां उन्होंने अपने पैतृक निवास पर ही आखिरी सांस ली. पिता के निधन के बाद शहाबुद्दीन के घर में मातम छा गया है. राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के पिता शेख हसिब्बूल्लाह का निधन हुसैनगंज प्रखंड के प्रतापपुर गांव स्तिथ उनके पैतृक निवास पर हुआ।

2018 से तिहाड़ जेल में बंद है शहाबुद्दीन

सुप्रीम कोर्ट ने सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और चंद्रशेखर प्रसाद की याचिका पर बिहार में तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे शहाबुद्दीन को 15 फरवरी, 2018 को सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। जिसके बाद से शहाबुद्दीन तिहाड़ में बंद है. आशा रंजन के पति राजदेव रंजन और चन्द्रशेखर प्रसाद के तीन बेटों की अलग अलग घटनाओं में हत्या कर दी गयी थी।