NMCH में परिजनों द्वारा डॉक्टरों से मारपीट और तोड़फोड़ किए जाने से गुस्साएं जूनियर डॉक्टरों ने काम करना किया बंद

एएनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने काम करना बंद कर दिया है। परिजनों द्वारा आज डॉक्टरों से मारपीट और तोड़फोड़ किए जाने से गुस्साएं जेडीए ने यह फैसला लिया है। जूनियर डॉक्टरों ने सरकार के समक्ष 5 सूत्री मांग रखी है। जेडीए ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वे काम पर नहीं लौटेंगे।

गौरतलब है कि कोरोना से संक्रमित मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर तोड़फोड़ की और हंगामा मचाया। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने एनएमसीएच के डॉक्टरों को भी निशाना बनाया। डॉक्टरों ने एक कमरे में बंद होकर किसी तरह अपनी जान बचाई। कोरोना महामारी के बीच एनएमसीएच में हंगामे की यह तीसरी घटना है। अस्पताल में पुलिस की तैनाती के बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है।

सरकार के स्वास्थ व्यवस्था की पोल इस बात से खुल कर सामने आती है जब एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र कुमार ने कहा कि डॉक्टरों व स्वास्थकर्मियों को दवाओं व अन्य चीजों की कमी के कारण इलाज करने में परेशानी हो रही है। संसाधनों की कमी के कारण मरीज की मौत होने पर परिजन आक्रोशित होकर डॉक्टरों पर लगातार हमले कर रहे हैं। आज भी सर्जरी विभाग में एक मरीज की मौत के बाद डॉक्‍टरों व स्‍वास्थ्य कर्मियों पर हमला बोला। इसके पहले 22 अप्रैल को भी डॉक्टरों के साथ मारपीट किए जाने के कारण पीजी डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया था।

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि तमाम घोषणाओं और आश्वासनों के बावजूद एनएमसीएच की स्थिति नहीं सुधर पा रही है। उन्होंने अस्पताल में पारा मिलिट्री फोर्स तैनात करने, डॉक्टरों की कमी को दूर करने, जूनियर रेजिडेंट व नर्सों की बहाली तथा वार्ड ब्‍वॉय की संख्या बढ़ाने की मांग की है। अध्यक्ष ने कहा कि जब तक स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रधान सचिव अस्पताल आकर व्यवस्था सुनिश्चित नहीं करेंगे तब तक पीजी डॉक्‍टर काम पर नहीं लौटेंगे।

गौरतलब है कि अभी हाल में बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण करने एवं walk-in-interview प्रक्रिया के माध्यम से हर जिले में आवश्यकतानुसार चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों पर अस्थाई नियुक्ति करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। लेकिन इस अभी तक कई अमली जामा पहनता हुआ कुछ भी नहीं किख रहा है।