बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण की दर में कमी दर्ज की जा रही है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य में लॉकडाउन जारी है। राज्य सरकार संक्रमण की दर में के साथ घटते मामलों को देखते हुए बिहार सरकार कुछ नई छूट के साथ लॉकडाउन की समय सीमा को एक बार फिर बढ़ा सकती है। यानी बिहार में लॉकडाउन बढाया जा सकता है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछली बार को खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि “लाॅकडाउन का अच्छा प्रभाव पड़ा है और कोरोना संक्रमण में कमी दिख रही है। अतः बिहार में 25 मई के आगे एक सप्ताह के लिए अर्थात 1 जून, 2021 तक लाॅकडाउन जारी रखने का निर्णय लिया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 5 मई 2021 से तीन सप्ताह के लिए लाॅकडाउन लगाया गया था। आज फिर से सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की गई।”
दरअसल, लॉकडाउन-3 की मियाद 1 जून को समाप्त हो रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा इसे एक बार फिर बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। सरकार द्वारा जारी किए गए फीडबैक में सभी अधिकारियों, मंत्रियों, प्रतिनिधियों ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की मांग की है।
इतना ही नहीं बल्कि सभी जिलों के जिलाधिकारी ने भी मांग की है कि जून के बाद भी लॉकडाउन को जारी रखा जाए। अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन लगाने से कोरोना पर नियंत्रण करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त हो रही है। वहीं, इसके मद्देनजर सोमवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होगी जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निर्णय लेंगे कि लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जाएगा या नहीं।
गौरतलब है कि बिहार में इस साल पहले लॉकडाउन लगने से पहले राज्य में हर रोज 15 हजार के करीब नए कोरोना संक्रमण के नए मामले मिलने लगे थे। वहीं, शनिवार को बिहार में कोरोना वायरस के मामलों से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी आकड़ो के मुताबिक, 1,491 लोगों ने कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है, इसके साथ केसलोड बढ़कर 7.04 लाख हो गया है। वहीं 24 घंटे में 48 मौतें दर्ज की गईं। बिहार में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 5,052 है। वहीं स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि स्वस्थ होने वाले कोविड-19 रोगियों की संख्या 6.78 लाख हो गई है और ठीक होने की दर 96.29% तक पहुंच गई है। ऐसे में लॉकडाउन नहीं बढ़ाने से तीसरी लहर को कंट्रोल करना नामुमकिन हो सकता है। क्योंकि तीसरी लहर को बहुत खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि, अगर लॉकडाउन 3 की अवधि को बढ़ाया जाता है तो इसमें कुछ आवश्यक छूट दी जा सकती हैं।
दूसरी तरफ मौनसून भी दस्तक देने की तरफ है। हालांकि चक्रवाती तूफान ‘‘यास‘‘ का असर बिहार में कम हो रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि मौनसून की दस्तक के साथ नदियां उफनाएंगी, इतना ही नहीं बारिश ज्यादा हुई तो नेपाल पानी छोड़ेगा ही जिससे यहां बाढ़ आने की भी संभावना है। बिहार में 28 बाढ़ प्रवण जिले हैं। यहां बाढ़ आती ही है। इनमें से 6 जिले गंगा के आसपास है। ऐसे में कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती है।
राज्य सरकार ने टीकाकरण की ज़रुरत को समझने हुए टीकाकरण एक्सप्रेस की शरूआत की है। लेकिन गांवों में संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण समय पर पूरा कर पाना भी मुश्किल माना जा रहा है। इसी बीच त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल भी 15 जून को समाप्त हो रहा है। ये सभी कोरोना को रोकने के काम में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने हर बार जनप्रतिनिधियों को कोरोना को रोकने के कामों में शामिल करने को कहा था।
गौरतलब है कि कोरोना याचिकाओं पर सुनवाई में पटना हाइकोर्ट ने भी इन जनप्रतिनिधियों को संक्रमण को रोकने के कामों में शामिल करने को कहा था। इस दौरान हाई कोर्ट ने 10 दिनों के अंदर उनसे कोरोना और कोरोना से इतर होने वाली मौत का आंकड़ा मांग था। हाईकोर्ट ने इनमें मुखिया, प्रखंड प्रमुख, जिला पर्षद अध्यक्ष को शामिल किया था।
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