बिहार में पंचायत चुनाव के नज़दीक आने के साथ सरकार के सामने कर्मियों के हड़ताल का संकट पैदा हो गया है। दरअसल, सूबे में निकाय कर्मियों की हड़ताल आज से शुरू हो गई है। बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा और बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के एलान पर आज यानी मंगलवार से राज्य के सभी नगर निकाय में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव के साथ वार्ता विफल होने के बाद से हड़ताल पर जाना तय हो गया था।
नगर निकायों के 30 हजार कर्मचारी जाएंगे हड़ताल पर
बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने एलान कर दिया था कि नगर निकायों के 30 हजार कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर जायेंगे। हड़ताल से पैदा होने वाली स्थिति के लिए सरकार और नगर निकाय प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे या ऐलान भी कर्मचारी संघ ने किया है।
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निकाय कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष 12 सूत्री मांग रखी है। इसमें ग्रुप डी पद को पुनर्जीवित करने की मांग सबसे बड़ी है। इसके अलावा मुख्य मांगों में 10 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले दैनिक मजदूरों के नियमितीकरण, इससे पहले दैनिक कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन या न्यूनतम 18 हजार व 21 हजार का वेतनमान सुनिश्चित करना भी शामिल है।
पटना नगर निगम के कर्मचारी संघ ने वार्ता में मांगों पर गौर नहीं करने का लगाया आरोप
पटना नगर निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। तृतीय श्रेणी के कर्मी भी इस तैयारी में हैं कि अगर काम से रोका जाएगा तो वह रुकेंगे। प्रधान सचिव स्तर पर वार्ता में मांगों पर गौर नहीं करने का आरोप संघ ने लगाया है। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह का कहना है कि हमारी मंशा कभी भी आम लोगों को परेशान करने की नहीं है, लेकिन निगम से सफाई कर्मचारियों का पद खत्म करने की साजिश के खिलाफ आवाज उठाना हमारी मजबूरी है।
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