बिहार के राज्यपाल फागु चौहान ने एस एस बी द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित ‘साइकिल रैली’ को किया रवाना

भारत की आजादी के 75वें वर्षगांठ के मद्देनजर देशभर में चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के दौरान सीमांत मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल द्वारा राजभवन पटना में आज ‘‘साईकिल रैली’ आयोजित की गयी।

बिहार के राज्यपाल फागु चौहान ने सशस्त्र सीमा बल पटना सीमान्त के 15 सदस्यीय साईकिल दल को राजभवन परिसर से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया ।

35वीं वाहिनी के सहायक कमांडेंट पवन दीप सिंह के नेतृत्व में पटना सीमान्त बल की यह साईकिल रैली मुजफ्फरपुर में सीमान्त तेजपुर (असम), गुवाहाटी (असम) और सिलीगुड़ी (प. बंगाल) से आ रहे दलों के साथ समायोजित होगा और लगभग 1250 कि.मी. लम्बी यात्रा के दौरान स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़े ऐतिहासिक/निर्धारित स्थानों से गुजरते हुए दिल्ली पहुँचेगा। सशस्त्र सीमा बल की साईकिल रैली में बल के सभी छह सीमान्तों एवं चार अन्य स्थापनाओं के प्रतिनिधियों का 15-15 सदस्यीय दल देश के अलग-अलग भागों से चलकर एक अक्टूबर को नई दिल्ली पहुचेंगे और दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पावन जयंती पर उनके समाधि स्थल राजघाट में श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

राजभवन पटना में साईकिल रैली फ्लैग ऑफ समारोह के मौके पर सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक, कुमार राजेश चन्द्रा,भा.पु.से.,बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव (गृह), चैतन्य प्रसाद, सीमान्त पटना के महानिरीक्षक पंकज दाराद भा.प्र.से, उप महानिरीक्षक सुधीर वर्मा, पीआईबी पटना के अपर महानिदेशक एस.के. मालवीय सहित केंद्र/राज्य सरकार के कई वरीय पदाधिकारी एवं सशस्त्र सीमा बल के अन्य बलकर्मी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने आशीर्वचनों से प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और इस समारोह का हिस्सा बनने के लिए सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों को धन्यवाद दिया। राज्यपाल ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एस.एस.बी. द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।

मौके पर महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल ने महामहिम राज्यपाल को बल के तरफ से स्मृति चिन्ह भेंट किया। महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल ने अपने स्वागत अभिभाषण में बताया कि इस साईकिल रैली के आयोजन का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारतीयों को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए व्यापक जन-जागरूकता फैलाना एवं गर्व के उन पलों को याद करना है जिनसे भारत की आजादी का इतिहास जुड़ा है।
उन्होंने महामहिम राज्यपाल को बल की उपलब्धियों और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में सहभागिता से भी अवगत कराया। महानिरीक्षक सीमांत पटना ने राज्यपाल को इस समारोह में शामिल होने के निवेदन को सहर्ष स्वीकार करने तथा अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।