मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई….

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया निर्देश… 

पुलिस महानिदेशक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अधिसूचित कार्यों की समीक्षा करें तथा विशेष अभियान चलाकर लंबित काण्डों का तेजी से अनुसंधान कराकर निर्धारित 60 दिन के अन्दर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पीडी ट्रायल के लिए विशेष प्रयास करें ताकि समाज के कमजोर वर्ग के सभी व्यक्तियों को समय पर न्याय मिल सके। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जिलों में दर्ज मामलों की समीक्षा करें एवं पीड़ित व्यक्तियों को ससमय मुआवजा राशि का भुगतान सुनिश्चित कराएं। इस अधिनियम के तहत दर्ज कांडों के त्वरित निष्पादन हेतु गठित अनन्य विशेष न्यायालयों में दर्ज मामलों की तेजी से सुनवाई हो। योग्य विशेष लोक अभियोजकों को दायित्व सौंपे ताकि वे न्यायालय में बेहतर ढंग से पक्ष रख सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह विभाग एवं विधि विभाग कनविक्शन रेट में सुधार एवं लंबित मामलों में कमी लाने के लिए नियमित अनुश्रवण करे। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों में कनविक्शन रेट और स्पीडी ट्रायल को लेकर लगातार समीक्षा करें। जब हम सरकार में आए तो सर्वे में यह पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे-बच्चियां जो स्कूल नहीं जा पाते हैं, उनमें ज्यादातर बच्चे महादलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों से आते हैं। जिसके बाद सभी बच्चे-बच्चियों को स्कूल पहुंचाया गया। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि सभी वर्गों का विकास हो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना है। लड़कियां पढ़ेंगी तो राज्य का प्रजनन दर भी घटेगा, आज की बैठक में शामिल सदस्यों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के कार्यों और बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए जो सुझाव दिये, विभाग उस पर भी तेजी से काम करे।