बिहार के इस गांव में पहुंचे एक दामाद को ससुरालवालों ने बना लिया बंधक, पुलिस ने हस्तक्षेप कर लड़के को कराया मुक्त: जानिए पूरा मामला

हम सभी मानते हैं कि शादी के बाद वर पक्ष को बहू के रूप में बेटी, तो वधू पक्ष को दामाद के रूप में एक बेटा मिलता है। ससुराल  जाने पर दामाद की खूब खातिरदारी भी होती है। लेकिन कई बार ससुराल जाते समय दामाद कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिनका खामियाजा उन्हें जीवनभर भुगतना पड़ता है। ऐसा ही मामला नवादा के  नारपुर पकरिया गांव से सामने आया है। वहां पहुंचे एक दामाद को ससुरालवालों ने बंधक बना लिया। सारा विवाद दहेज के रुपये लौटाने को लेकर था। बात इतनी बढ़ी की थाने तक जा पहुंची तो पुलिस ने हस्तक्षेप कर लड़के को मुक्त कराया। हालांकि इस इस मामले में दोनों पक्षों से बांड भरवाया गया है। इसके बाद लड़के को पुलिस ने उसके परिवार के हवाले कर दिया गया।

सात वर्षों बाद भी संतान न होने के कारण पति करना चाहता था दूसरी शादी

ख़बरों के अनुसार विजय चौधरी की बेटी रूपा की शादी सात साल पहले वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के लोदीपुर निवासी नागेश्‍वर चौधरी के पुत्र शंकर के साथ हुई थी। जहाँ शादी में विजय ने साढे तीन लाख नकद एवं अन्य सामान उपहार में दिए थे। लेकिन शादी के सात सालों बाद भी उन्‍हें संतान नहीं हुई। इस लिए शंकर के परिवारवाले उसकी दूसरी शादी करना चाहते थे। जिसके कारण रूपा अपने मायके चली आई थी। इधर रूपा के पिता ने अपने समधी को दहेज में दिए साढे तीन लाख रुपये की मांग की और तब शादी तोड़ने पर सहमत हुए। इसके बाद लड़की को उसके मायके छोड़ने के लिए शंकर तीन दिन पूर्व ससुराल पहुंचा। जहाँ पहुंचते ही शंकर को एक कमरे में बंद कर दिया।

पैसे वापस मिलने पर छोड़ने की बात कर रहे थे ससुराल के लोग

लड़की वालों का कहना था कि जब तक दहेज के पैसे वापस नहीं मिल जाते उसे नहीं छोड़ा जाएगा। इस बाबत शंकर के पिता ने पहले अपने स्‍तर से उसे छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं होने पर हिसुआ थाने में आवेदन दिया। शंकर के पिता नागेश्‍वर के आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी थानाध्यक्ष सुभाष कुमार ने एएसआइ कुमार गौरव को नारपुर पकरिया गांव भेजा। जहाँ पुलिस गांव पहुंच लड़की वालों को थाना लेकर आई। थाना ने  दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया। हालांकि समझौता में लड़का पक्ष वाले दहेज में लिए रुपये को लौटाने के लिए सहमत हो गए। पुलिस ने रुपये लौटाने के बाद लड़की पक्ष वालों को तलाक नामे पर हस्ताक्षर करने की नसीहत दी। फ़िलहाल सारी प्रक्रिया लाॅकडाउन के बाद कोर्ट खुलने पर होगी। पुलिस ने लड़के को उसके पिता को सौंप दिया। दोनों तरफ से पुलिस ने बांड भरवाया है।