कल बीएसएससी की तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की सभी पाली की परीक्षा को रद कराने की मांग को लेकर छात्रों ने महाआंदोलन का आगाज किया…लिस ने छात्रों इसी बीच को दौड़ा-दोड़ा कर पीटा…किसी का सिर फटा तो किसी का हाथ टूटा…..

BSSC की तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में हुई पर्चे लीक के मामले मे अभ्यर्थियों और BSSC कमिटी के अपने-अपने मत है। ये तो साबित हो ही गया है की BSSC की परीक्षा मे पेपर लीक हुआ है , इसके सबूत भी मिल चुके है। ऐसा भी नही कहा जा सकता की अन्न पालियों के पेपर लिक न हुये हो। ना ही अभ्यर्थियों हर पली के पेपर लिक के साबुत जुटा सकते है। अत एब इस मामले के सरकार को हस्तकक्षेप करते हुए न्यापुर्बक फैसला लेना चाहिये। जहां तक हो सके अभ्यर्थियों के हित और हक मे ही फैसला होना चाहिये।

बताते चले की राजधानी पटना में बुधवार को BSSC की तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की सभी पाली की परीक्षा को रद कराने की मांग को लेकर छात्रों ने महाआंदोलन का आगाज किया। सैंकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने छात्रों पर जमकर डंडे बरसाए। छात्रों को दौड़ा-दोड़ा कर पीटा गया। इसमें छात्र नेता दिलीप कुमार समेत 25 से अधिक अभ्यर्थी के घायल होने की सूचना है।दोपहर में एक घंटे तक डाकबंगला चौराहा और आसपास अफरातफरी का माहौल रहा। पुलिस की लाठी से बचने के लिए दुकान में घुसे अभ्यर्थियों पर को भी खदेड़ा गया।

सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने पटना कालेज से सुबह 11.15 बजे से पैदल मार्च निकाला था। डाकबंगला चौराहा पर पुलिस ने अभ्यर्थियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। कुछ अभ्यर्थी बैरिकेडिंग लांघ आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

पुलिस ने अभ्यर्थियों को पहले कारगिल चौक पर रोकने का प्रयास किया। अभ्यर्थियों के नहीं मानने पर उन्हें जेपी गोलंबर (होटल मौर्य) तक जाने की अनुमति दी गई। अभ्यर्थियों ने पुलिस को चकमा देते हुए रामगुलाम चौक से एग्जीबिशन रोड की ओर मुड़ गए।

आनन-फानन में पुलिस बल को जेपी गोलंबर से डाकबंगला चौराहा भेजा गया। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों को देख आसपास के थाने की पुलिस भी डाकबंगाला चौराहे पर बुला ली गई।

छात्रों के एग्जीबिशन रोड में प्रवेश करते ही एसपी वर्मा रोड, जमाल रोड, भट्टाचार्या पथ आदि जाम हो गया। गाड़ियों को दूसरे मार्ग पर डायवर्ट किया गया। यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई।

पुलिस की लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए। सदानंद और प्रवीण कुमार का सिर फट गया। रविशंकर कुमार का हाथ टूट गया है। साथियों ने इनका इलाज आसपास के अस्पताल व मेडिकल दुकानों में किया।

इस दौरान पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। मजिस्ट्रेट आदित्य विक्रम के बयान पर पांच नामजद और एक हजार अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। पटना के विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी एमएस खान ने कहा कि छात्रों ने हिंसा और तोड़फोड़ शुरू कर दी और इसे नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया।

कोतवाली थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि इन पर प्रतिबंधित क्षेत्र प्रवेश करने, सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस-प्रशासन से धक्कामुक्की करने आदि की धारा लगाई गई है। हिरासत में लिए गए अनूप कुमार, दीपक कुमार, सोनू, चंद्रमौली कुमार व पुरुषोत्तम कुमार को ही नामजद किया गया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बुधवार को पटना में बीएसएससी के अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज को अलोकतांत्रिक एवं निन्दनीय बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों की वाजिब मांग सुनने-मानने के बजाय लाठी चलवा कर उनका दमन करना चाहती है। 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का झांसा देने वाली सरकार प्रदेश के युवाओं का दमन कर अपना चेहरा बचना चाहती है।

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बीएसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज निंदनीय है। सरकार को अभ्यर्थियों की बात सहानुभूतिपूर्वक सुननी चाहिए, लेकिन वह दमन का रास्ता अपना रही है। यह कहीं से जायज नहीं है। बीएसएससी परीक्षा में हुई धांधली को लेकर तीनों पालियों की परीक्षा रद की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बीएसएससी की 23 और 24 दिसम्बर, 2022 को हुई तीन पालियों में से दो के पर्चे लीक होने की खबर है। इनमें से 23 दिसबंर को आयोजित पहली पाली की परीक्षा रद कर दी गई है। छात्रों की मांग है कि तीनो पाली की परीक्षा रद होनी चाहिए।

23 दिसंबर को प्रथम पाली में आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा में लगभग 9 लाख उम्‍मीदवार शामिल हुए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा रद कर तुरंत दुबारा परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए, ताकि सभी को दूसरा मौका मिल सके।