अब मरीज बिना अस्पताल गए वीडियो कॉल पर डॉक्टर से बात कर सकेंगे और उनसे सलाह ले सकेंगे… साथ ही वे डॉक्टर के लिखे पुर्जे यानी ई-प्रिस्क्रिप्शन को डाउनलोड कर सकेंगे…

स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए ई-संजीवनी एप लांच किया है। इससे मरीजों को अस्पताल में ओपीडी के लिए लंबी कतार में लगने से छुटकारा मिलेगा। वे घर बैठे डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे। इस सुविधा को पाने के लिए मरीज को बस प्ले स्टोर से ई-संजीवनी एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद उन्हें अपना मोबाइल नंबर एप में रजिस्टर्ड करना होगा। रजिस्टर्ड नंबर से मरीज अपना नंबर आने पर वीडियो कॉल कर डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे। यह सेवा मुफ्त होगी। कोई भी मरीज सोमवार से शनिवार के बीच सुबह 10 से लेकर शाम चार बजे के बीच वीडियो कॉल पर ओपीडी की मुफ्त सेवा का लाभ ले सकता है।

बता दें कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे- 5 के अनुसार बिहार में तकरीबन 80 प्रतिशत लोग अस्पतालों में कतार, समय की बर्बादी, घर से अस्पताल की दूरी की वजह से अस्पताल नहीं आना चाहते हैं। ऐसे में वीडियो कॉल पर ओपीडी सेवा शुरू होने से उन्हें घर बैठे ही डॉक्टरी परामर्श मिल जाएगी।

ऐसे प्राप्त करें वीडियो कॉल पर ओपीडी का लाभ….

  • प्ले स्टोर से ई-संजीवनी एप डाउनलोड करें l
  • मोबाइल नंबर से एप पर रजिस्टर्ड करें l
  • रजिस्ट्रेशन के साथ टोकन नंबर आएगा l
  • टोकन नंबर मिलते ही लॉग-इन कर अपनी बारी की प्रतीक्षा करें l
  • बारी आने पर वीडियो कॉल कर डाक्टर से परामर्श लें

611 प्रकार तक की दवाएं मिल सकती है मुफ्त…

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने दो सौ से अधिक जीवन रक्षक दवाओं को सूची में शामिल किया है। साथ ही विभाग ने अस्पतालों का भी वर्गीकरण कर यह तय कर दिया है कि किस श्रेणी के अस्पताल में कितनी प्रकार की दवाएं मुफ्त मिलेंगी। विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। अब मरीजों को अस्पतालों में 611 प्रकार की दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। पहले मरीजों को 387 प्रकार की दवाएं ही मिल रही थीं।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर श्रेणी के अस्पताल के लिए ओपीडी मरीजों को अलग दवाएं दी जाएंगी। जबकि भर्ती मरीज की सूची अलग से तैयार कर दवाओं का आवंटन होगा। जिन अस्पतालों में मरीज के भर्ती होने की सुविधा नहीं है, वैसे अस्पतालों में सिर्फ ओपीडी में दी जाने वाली दवाएं ही मिलेंगी। मेडिकल कालेज अस्पतालों की ओपीडी में 356 प्रकार की दवाएं और भर्ती मरीज के लिए 256 प्रकार की दवाओं की व्यवस्था रहेगी।