कोरोना से 25 लाख भारतीयों पर खतरे की घंटी, इस महीने तक वायरस का होगा खात्मा-रिपोर्ट

खतरनाक कोरोना वायरस और भारत के बारे में एक रिपोर्ट सामने आयी है, जिससे भारत की चिंता और बढ़ सकती है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और द सेंटर फॉर डिजीज़ डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी सीडीडीइपी ने भारत के सभी आधिकारिक वेबसाईटों का अध्ययन करके यह रिपोर्ट जारी की है। इसमें साफ है कि यह वायरस भारत को अगले 4 महीनों तक बहुत ज्यादा परेशान करने वाला है। इसकी चपेट में 25 लाख लोग आ सकते हैं। वहीं रिपोर्ट में कोरोना से जंग जीतने के तौर तरीके भी बताये गये हैं।

25 लाख भारतीयों पर खतरे की घंटी

रिपोर्ट के अुनसार पूरे देश में सबसे ज्यादा लोग अप्रैल मध्य से लेकर मई मध्य तक कोरोना से संक्रमित होकर अस्पतालों में भर्ती होंगे। फिर जुलाई मध्य तक यह संख्या कम होती चली जाएगी। अगस्त तक इसके खत्म होने की उम्मीद है। इस ग्राफ के मुताबिक करीब 25 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आकर अस्पतालों तक जाएंगे.स्टडी में बताया गया है कि यह पता नहीं चल पा रहा है कि भारत में कितने लोग संक्रमित हैं। क्योंकि कई लोग एसिम्टोमैटिक यानी अलक्षणी है। इसका मतलब ये हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोग ज्यादा हैं। उनमें कोरोना के लक्षण भी होंगे लेकिन हल्के स्तर के. इसलिए जब वह तीव्र होगा तभी पता चल पाएगा।

वेंटीलेटर्स की है कमी

जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की स्टडी में बताया गया है कि बुजुर्गों की आबादी को सोशल डिस्टेंसिंग का ज्यादा ध्यान रखना होगा। जितना ज्यादा लॉकडाउन होगा उतने ही ज्यादा लोग बचे रहेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा इससे बचने का फिलहाल कोई रास्ता नहीं है। सबसे बड़ी दिक्कत ये बताई गई है कि भारत में करीब 10 लाख वेंटीलेटर्स की जरूरत पड़ेगी। लेकिन भारत में अभी 30 से 50 हजार वेंटीलेटर्स ही हैं. अमेरिका में 1.60 लाख वेंटीलेटर्स हैं लेकिन वो भी कम पड़ रहे हैं। जबकि, उनकी आबादी भारत से कम है.

अस्पतालों के लिए 3 महीने चुनौतीपूर्ण

स्टडी में बताया गया है कि भारत के सभी अस्पतालों के अगले तीन महीने बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. भारत को भी चीन और अन्य देशों की तरह अस्थाई अस्पताल बनाने पड़ेंगे. दूसरा, अस्पतालों से संक्रमण न फैले इसका भी ध्यान रखना पड़ेगा.स्टडी में बताया गया है कि भारत के सभी अस्पतालों के अगले तीन महीने बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. भारत को भी चीन और अन्य देशों की तरह अस्थाई अस्पताल बनाने पड़ेंगे. दूसरा, अस्पतालों से संक्रमण न फैले इसका भी ध्यान रखना पड़ेगा।

बच्चों की जांच को शुरू करे भारत

स्टडी में बताया गया है कि भारत में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मास्क, हैजमट सूट, फेस गियर आदि नहीं है. इससे मेडिकल स्टाफ भी खतरे में पड़ जाएगा. इससे स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी आएगी.स्टडी में बताया गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी इस वायरस से बचाना बेहद जरूरी है।