रांची: सावन शुरू होने से पहले ही बाबा भोले के दरबार में उमड़ने लगे श्रद्धालु……

तीनों लोको के नाथ बाबा भोलेनाथ का पावन महीना कल से शुरु हो रहा है। सावन के महीने में बात अगर प्रभु महादेव की मंदिरों की करें तो इस समय भोले शंकर की छोटी से छोटी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। अगर बात बड़े मंदिरों की करें तो इन मंदिरों में भीड़ का आलम बड़े से बड़े धीर गंभीर व्यक्ति को एक पल के लिए विचलित कर दे।

सावन के आगमन के पहले से ही भगवान शिव के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। आज के यात्रा के दौरान हम घूमते घूमते पहुंचे रांची के पहाड़ी मंदिर में जहां पहुंचे श्रद्धालुओं में अपने आराध्य को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित देखा गया। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि महादेव बहुत ही सीधे है। भोले भंडारी से अगर उनके भक्त सच्चे दिल से कुछ मांगते है तो बाबा सबकी मनोकामना पूरी करते हैं।

जानिए पहाड़ी मंदिर के बारे में विस्तार से……

समुद्र तल से 2140 मीटर की ऊंचाई पर रांची हिल की चोटी पर स्थित पहाड़ी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पहले इस हिल को फांसी टोंगरी नाम से जाना जाता था, क्योंकि स्वतंत्रता सैनानियों को यहां पर फांसी दी गई थी। उनके बलिदान को याद करने के लिए यहा स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया जाता है।

समुद्र तल से 2140 मीटर की ऊंचाई पर रांची हिल की चोटी पर स्थित पहाड़ी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पहले इस हिल को फांसी टोंगरी नाम से जाना जाता था, क्योंकि स्वतंत्रता सैनानियों को यहां पर फांसी दी गई थी। उनके बलिदान को याद करने के लिए यहा स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया जाता है।

मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियों पर 300 कदम का सफर करना होगा। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा मंदिर से रांची शहर का विंहगम नजारा भी देखने को मिलता है। इसके आसपास विभिन्न तरह के पेड़ लगे हुए हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रवण माह में यहां बहुत गहमा-गहमी रहती है और श्रद्धालू मंदिर के देवता पर जल धारा चढ़ाते हैं।