उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया बड़ा फैसला, यूपी के बाद अब बिहार में गरजेगा बुल्डोजर….

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुये कहा है कि सार्वजनिक आहर, पइन, तालाब, पोखर, कुओं और चापाकलों को चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराएं। इनके किनारे बसे गरीबों के पुनर्वास की कार्रवाई करें। सभी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरण लगाने और रखरखाव का प्रबंध सुनिश्चित करें।

उन्होंने गंगाजल आपूर्ति योजना और फल्गु नदी में रबड़ डैम का निर्माण जल्द पूरा करने सहित सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध करने के लिए भी अधिकारियों को कहा है। साथ ही कहा कि सभी सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए संबद्ध में जिम्मेदार विभाग के अधिकारी विचार विमर्श कर कार्ययोजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहीं। यह बैठक मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में किया गया था।

सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को करें जागरूक
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें। यही अक्षय ऊर्जा है। प्रकृति प्रदत्त है और सदैव रहेगा। मुख्यमंत्री आवास में भी सौर ऊर्जा को लेकर काम कराया गया है। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गंगा जलापूर्तियोजना’ का कार्ययथाशीघ्र पूर्ण करें, इस काम में तेजी लायें ताकि नवादा, राजगीर, गया और बोधगया में जलापूर्ति का काम जल्द-से-जल्द शुरू किया जा सके।

जल्द पूरा करें फल्गु नदी में रबड़ डैम का कार्य..
उन्होंने कहा कि गया के विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में रबड़ डैम के बन जाने से पितृपक्ष के दौरान आनेवाले लोगों को काफी सहूलियत होगी। वज्रपात के कारण लोगों की मृत्यु की सूचना मिलने पर काफी दुख होता है। इसको ध्यान में रखते हुए सभी सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने का प्रबंध किया जा रहा है।

अधिकारियों को काम में तेजी लाने का दिया निर्देश
अधिकारियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिशा निर्देश दिया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अवयवों पर तेजी से कार्य पूर्ण करें। सभी सार्वजनिक कुओं को चिह्नित कर उनका जल्द से जल्द जीर्णोद्धार कराएं। इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहता है और सुखाड़ की स्थिति में लोगों को काफी सहूलियत मिलती है। सभी सार्वजनिक चापाकलों और कुओं के निकट सोख्ता के निर्माण कार्य में भी तेजी लाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में मिलने वाली बिजली के उपयोग की एक सीमा है।

हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है
पहले बिहार का हरित आवरण काफी कम था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर काफी संख्या में पौधे लगाये गये। इसका परिणाम है कि अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। हमलोगों ने बिहार की आबादी और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण की सीमा को 17 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।

बैठक में मौजूद रहे ये लोग..
समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी सहित आला अधिकारी मौजूद रहे।