मांगन इंसान… जिन्होंने डुगडुगी बजाकर मांगे वोट, निर्दलीय विधायक बने.. ‘जब सभा में बोलने का नहीं मिला मौका, तो राजीव गांधी से छीन लिया था माइक’

बिहार विधानसभा चुनाव की शोर में मांगन इंसान की हिम्मत, जज्बा और जुनून बर्बश याद आ जाते हैं, जब उन्होंने गांव, गरीब, किसान और मजदूरों की समस्या को लेकर नंगे पैर वोट मांगे और निर्दलीय विधायक बने। अक्सर आपने राजनीति में छोटे नेताओं को बड़े नेताओं की जी हुजूरी करते तो देखा ही होगा, लेकिन 1980 के दौर के एक ऐसे नेता की कहानी, जो राजीव गांधी के आगे भी नहीं झुके। राजीव गांधी की सभा में जब इस नेता को बोलने का मौका नहीं मिला, तो मंच पर चढ़कर राजीव गांधी के हाथ से माइक छीन लिया और क्षेत्रीय समस्याओं से अवगत कराया था।

होमगार्ड के जवान रहे थे मांगन..

कटिहार की कदवा विधानसभा सीट से सन् 1980 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले नेता मांगन इंसान की कहानी बड़ी ही रोचक है। गरीब परिवार में जन्मे मांगन इंसान होमगार्ड के जवान थे. 1954 से उन्होंने कदवा विधानसभा क्षेत्र के दबे कुचले लोगों के लिए हक और इंसाफ की लड़ाई शुरू कर दी थी. गरीब किसानों के लिए जमीदारों से भी लड़ गए, लेकिन किसानों का अहित नहीं होने दिया. यही वजह रही कि मांगन इंसान जनता के चहेते बन गए. 1972 में मांगन इंसान पहली बार मुखिया का चुनाव जीते. उस दौरान भी उनकी पत्नी और बच्चे मजदूरी किया करते थे.

री काउंटिंग में मिली थी जीत

मांगन इंसान 1980 में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे. उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्यासी प्रो. उस्मान गनी से था. चुनाव परिणाम घोषणा के वक्त काउंटिंग में धांधली के आरोप लगे. कांग्रेस प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया. इसके बाद काउंटिंग सेंटर पर बवाल मच गया. मांगन के समर्थन में आए वर्दीधारियों ने विरोध शुरू कर दिया. माहौल बिगड़ता देख तत्कालीन जिलाधिकारी ने री काउंटिंग करवाई, जिसमें मांगन इंसान 30 वोटों से विजयी घोषित किए गए. हालांकि, बाद में कांग्रेस की सरकार बनाने में मांगन ने समर्थन किया था

डुगडुगी बजाकर मांगे वोट

मांगन इंसान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं था. 1980 में जब चुनाव मैदान में उतरे, तो प्रचार करने के लिए नंगे पैर जाते थे. गले में टीन का एक डिब्बा लटका होता था. डुगडुगी बजाते हुए चुनाव के लिए 10 पैसा, चार आना चंदा मांग कर अपने पक्ष में वोट देने की अपील करते थे. चुनाव परिणाम आने से पहले अन्य दलों के उम्मीदवार और समर्थक उनका खूब मजाक उड़ाते थे, लेकिन जब चुनाव परिणाम आया, तो सभी दंग रह गए. मांगन इंसान ने पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां से जीत दर्ज की. इसके बाद 1985 में कांग्रेस पार्टी ने प्राणपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया था, जिसमें एक बार फिर मांगन इंसान ने विजय प्राप्त की थी

राजीव गांधी से छीन लिया था माइक

मांगन इंसान का एक किस्सा बेहद मशहूर है. चुनाव से पूर्व कटिहार में राजीव गांधी की जनसभा हो रही थी. इस सभा में मांगन इंसान भी थे. राजीव गांधी मंच से बोल रहे थे, लेकिन मांगन इंसान को बोलने का मौका नहीं मिल पा रहा था. इसलिए मांगन इंसान मंच पर चढ़े और राजीव गांधी का माइक छीन लिया. यह देख सभा में सन्नाटा छा गया. मांगन इंसान ने बेझिझक होकर बोलना शुरू किया. क्षेत्र की मुख्य समस्याओं को राजीव गांधी के सामने रखा

किये कई विकास कार्य

विधायक बनने के बाद मांगन इंसान लोगों ने महानंदा नदी पुल निर्माण की मांग की. लोगों की इस मांग को जोरशोर से उठाते हुए विधायक मांगन इंसान ने पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप 31 अक्टूबर 1984 को पुल का शिलान्यास किया गया था. इसके बाद 1985 में लाभा पुल का भी शिलान्यास किया गया था।

इनपुट : आजतक