पैरासिटामोल और HCQ के एक्सपोर्ट पर भारत में बवाल क्यों ?

इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। इसके कहर के आगे क्या विकसित देश और विकासशील देश ? कोई भी इसका सामना करने में नाकाम साबित हो रहा है। ऐसे में भारत के पास कुछ ऐसी दवाईयां है, जिसके एक्सपोर्ट को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के द्वारा धमकी भरे स्वर में दवाइयों के एक्सपोर्ट के बयान पर देश राजनीतिक दल पीएम मोदी को नसीहत देना शुरू कर दिये हैं।

बिहार में विपक्ष की भूमिका निभा रहे राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि -प्रधानमंत्री से अपील है कि वे अमेरिकी दबाव से घबराना और राष्ट्रहित की तिलांजलि देना बंद करें। सामरिक गठबंधन के नाम पर अमेरिकी धमकी व शोषण स्वीकार नहीं! भारत में उत्पादित पेरासिटामोल व HCQ पर पहला हक़ भारत व भारत पर निर्भर भारतीय उपमहाद्वीप का है!’

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दवाइयों के एक्सपोर्ट पर प्रधानमंत्री को सलाह दी है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि ’प्रतिशोध को लिए मित्रता नहीं होती है। भारत को जरूरत के समय सभी देशों की मदद करनी चाहिए, लेकिन पहले पर्याप्त मात्रा में भारतीयों को जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

वहीं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पीएम को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि ’प्रिय प्रधानमंत्री, जीवन रक्षक दवा, हाइड्रोक्सीक्लोरक्लोरिन के निर्यात को खोलने से पहले “भारत पहले“ और “भारतीय पहले“ “राज धर्म“ है! आप इसके लिए आदरणीय इंदिरा गांधी के खाके का पालन करें।