25 देशों के डेलीगेशन ने कश्मीर का किया दौरा, पहले दिन डल झील पहुंचे और मौजूदा हालातों का लेंगे जायजा

 

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद वहां की जमीनी हालात को जानने के लिए जर्मनी, कनाडा, फ्रांस समेत 25 देशों के राजनयिक बुधवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे. यह प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के छह महीने बाद जमीनी हालात का जायजा लेने पहुंचा है. पहले दिन सभी सदस्य श्रीनगर स्थित डल झील घूमने पहुंचे. और झील में बोटिंग का लुफ्त उठाया. इसके साथ ही सभी प्रतिनिधिमंडल उत्तर कश्मीर के फल उत्पादक किसानों से मुलाकात करेंगे और धारा 370 हटने के बाद की हालातों की जानकारी लेंगे.

स्थानीय राजनेताओं से होगी मुलाकात

25 देशों के प्रतिनिधिमंडल स्थानीय राजनेताओं, मीडिया और सामाजिक समूहों से भी मुलाकात करेंगे. इसके साथ ही भारतीय सेना उन्हें घाटी में सुरक्षा की स्थिति की जानकारी देगी और नए केंद्र शासित प्रदेशों में पाकिस्तान की शह पर आतंक को बढ़ावा देने के बारे में भी बताएगी। अगले दिन डेलिगेट्स जम्मू में उप राज्यपाल जीसी मुर्मू से मुलाकात करेंगे।

इटली, ऑस्ट्रिया, जर्मनी के प्रतिनिधि भी शामिल
खाड़ी देशों के राजनयिक भी दौरा में शामिल

कश्मीर पहुंचे 25 देशों के डेलिगेशन में कनाडा, ऑस्ट्रिया, उज्बेकिस्तान, युगांडा, स्लोवाक रिपब्लिक, नीदरलैंड्स, नामीबिया, किर्गिज रिपब्लिक, बुल्गारिया, जर्मनी, ताजिकिस्तान, फ्रांस, मैक्सिको, डेनमार्क, इटली, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, पोलैंड और रवांडा के प्रतिनिधि शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर भी इसमें शामिल हैं. इस बार यूरोपियन यूनियन के साथ खाड़ी देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं.

यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल ने जाने से किया था इनकार

पिछले दौरे में यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर दौरे पर जाने से इनकार कर दिया था. यूरोपिय राजनयिकों ने कहा था कि वे अपनी मर्जी से चुने गए नेताओं से मिलना चाहते हैं, इसलिए वे बाद में कश्मीर जाएंगे. इसके बाद अमेरिकी राजदूत कैनेथ जस्टर समेत बांग्लादेश, वियतनाम, नॉर्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरक्को, नाइजीरिया और अन्य देशों के राजनयिक कश्मीर गए थे.