जन औषधि दिवस पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी, कहा हाथ मिलाने की जगह ‘नमस्ते’ की डालें आदत

जन औषधि दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औषधि केद्रों के लाभार्थियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रशंसनीय पहल के लिए बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं. आज लाखों परिवारों के साथ जुड़ने का दिन है, जिनको इस योजना से बहुत राहत मिली है. भारत के 728 जिलों में से 700 में जिलों में जनऔषधि केंद्र शुरू हो गए हैं. वर्तमान में, 6200 जनऔषधि केंद्र हैं. एक से सात मार्च तक जनऔषधि सप्ताह मनाया जाता है।

सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार चार सूत्रों पर काम कर रही है. प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के माध्यम से देश के हर व्यक्ति तक सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प है. मुझे बहुत संतोष है कि अब तक 6 हजार से अधिक जनऔषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस योजना की वजह से पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो रहा है. मुझे बताया गया है कि अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000-2500 करोड़ रुपये की बचत जनऔषधि केंद्रों के कारण हुई है. सरकार ने इस योजना से जुड़े लोगों को पुरस्कारों की शुरूआत करने पर भी फैसला लिया गया है.

कोरोना पर अफवाहों से बचने की सलाह

कोरोना पर पीएम मोदी ने कहा कि परिवार में जो बाकी लोग होते हैं उनकी भी संक्रमित होने की आशंका ज्यादा होती है, ऐसे में उनको भी जरूरी टेस्ट करा लेने चाहिएं। ऐसे साथियों को मास्क भी पहनने चाहिए, ग्लब्स भी पहनने चाहिए और दूसरों से कुछ दूरी बनाकर रहनी चाहिए. हमें इन अफवाहों से भी बचना है. जो भी करें, अपने डॉक्टर की सलाह से करें.

पीएम मोदी ने कहा कि पुरी दुनिया नमस्ते करने की आदत डाल रही है इसलिए हमें भी हाथ मिलाने की जगह नमस्ते की आदत डालनी चाहिए और इसके लिए यही उचित समय है.

जेनेरिक दवाओं की पूरी दुनिया में डिमांड

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जेनेरिक दवाओं को लेकर अफवाहें फैलाएं जाती हैं. ये दवाएं दुनियाभर के बाजार में उपलब्ध किसी भी दवाई से जरा भी कम नहीं हैं. ये दवाएं बेहतरीन लैब्स से सर्टिफाइड होती हैं, हर प्रकार की सख्त जांच से निकले दवा निर्माताओं से खरीदी जाती हैं. भारत की बनी जेनेरिक दवाओं की पूरी दुनिया में डिमांड है. सरकार ने हर अस्पताल के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना जरूरी कर दिया है.