इकोनॉमी बूस्ट के लिए वित्त मंत्री ने किया आत्मनिर्भर भारत 3.0 का एलान, जानिए राहत पैकेज में क्या क्या है विशेष…

सुस्ती से जूझ रही देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए केंद्र सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. इसी के तहत गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर से राहत दी है.इस बार आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 2,65,080 करोड़ रुपये के 12 उपायों की घोषणा की गई है.

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से नए रोजगार के अवसर

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है जिससे देश में नए रोजगार का सृजन हो सके। इससे संगठित क्षेत्र में रोजगार को बल मिलेगा। पंजीकृत ईपीएफओ प्रतिष्ठान से जुड़ने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुड़े थे या जिनकी नौकरी 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच चली गई थी उन्हें भी इस योजना का फायदा मिलेगा। यह योजना एक अक्तूबर 2020 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।

नए कर्मचारी के 12 % PF पर 2 साल तक सब्सिडी देगी सरकार

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठाएं। ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए पंजीकृत नहीं थे और जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जिन लोगों के पास अगस्त से सितंबर तक नौकरी नहीं थी लेकिन बाद में पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। सरकार दो साल तक एक हजार कर्मचारियों वाली संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी के तौर पर देगी। यह एक अक्तूबर से लागू होगा। एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान मे नए कर्मचारी के 12 प्रतिशत पीएफ योगदान पर सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी।

बढ़ाई गई इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि

मोदी सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि बढ़ा दी है। अब इस योजना का लाभ 31 मार्च 2021 तक मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के अंतर्गत 61 लाख लोगों को लाभ मिला है।

कुल 30 लाख मकानों को मिलेगा फायदा

वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम शहरी आवास योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे कुल 30 लाख मकानों को फायदा मिलेगा। यह राशि बजट में घोषित आठ हजार करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी। इससे 78 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।

एमएसएमई सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा

वित्त मंत्री ने कहा कि कामत समिति की सिफारिश के आधार पर 26 दबावग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की गई है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के लिए ईसीएलजीएस स्कीम 2.0 शुरू की जा रही है। एमएसएमई सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा। इसमें मूलधन चुकाने के लिए पांच साल का समय दिया गया है। इसमें कर्जधारक कंपनियों को एक साल तक 50 करोड़ से 500 करोड़ रुपये तक का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यह योजना 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी। 10 क्षेत्रों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना शुरू की गई है। इससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। पहले इस योजना को तीन क्षेत्रों में शुरू किया गया था।

यह राहत 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगी

वित्त मंत्री ने कहा कि निर्माण और बुनियादी ढांचा सेक्टर की कंपनियों को अब कॉन्ट्रैक्ट के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के तौर पर पांच से 10 प्रतिशत के स्थान पर केवल तीन प्रतिशत की रकम रखनी होगी। यह राहत 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगी।