बिहार सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते बिहार के सभी शिक्षण संस्थान, सिनेमा हॉल, पार्क और चिड़ियाघर के साथ ही म्यूजियम तक को भी 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है , पर इसके साथ जहां स्कूल में बच्चे नहीं आएंगे और उसे बंद रखने का आदेश हैं वही शिक्षकों की उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया गया है.विद्यालय बंदी के वावजूद शिक्षकों को बुलाने के सरकार के इस फैसले सरकार के इस पर बीजेपी के MLC नवल किशोर यादव ने एतराज जताते हुए कहा है कि आखिर शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के प्रति इतना नकारात्मक रवैया क्यों रखते हैं। नवल किशोर यादव ने सवाल उठाते हुए सरकार से पुछा है क्या शिक्षकों को कोरोना वायरस से खतरा नहीं है वह भी तब जब अधिकारियों और कर्मचारियों तक को कार्यालय में प्रतिदिन नहीं आने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है ।
नवल किशोर यादव ने सरकार के इस फरमान पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. बीजेपी एमएलसी ने पूछा है कि क्या कोरोना वायरस शिक्षकों के ऊपर अपना असर नहीं दिखाएगा, अगर शिक्षकों को भी कोरोना वायरस अपनी जद में ले सकता है तो सरकार को उनसे इतनी चिढ़ क्यों है.
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