बस भेजने को लेकर प्रियंका-योगी सरकार में लेटर वॉर, कांग्रेस की भेजी 1000 बसों की सूची में कई नंबर कार, बाइक और ऑटो की

प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस की ओर से भेजी गई बसों की लिस्ट पर नया बखेड़ा शुरू हो गया है. कांग्रेस द्वारा मुहैया कराई गई 1000 बसों की लिस्ट में कई नंबर कार, बाइक और ऑटो के निकल रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट में एक नंबर यूपी 83 T 1106  के मालिक का नाम इरशाद और वाहन थ्री व्हीलर बता रहा है. यही नहीं एक और नंबर यूपी 85 T 65 76 प्लेटिना बाइक मालिक जितेंद्र कुमार बताया जा रहा है. वहीं, सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्राथमिक जांच में कांग्रेस की बसें ऑटो मैजिक निकली हैं. उनका दावा है कि इसकी जांच भारत सरकार के पोर्टल पर की गई है।

प्रियंका गांधी की मांग को योगी सरकार ने स्वीकारी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में मजदूरों के लिए एक हजार बसें भेजने की मांग को योगी सरकार ने स्वाकार कर लिया है. पर अब इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गयी है. इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश प्रशासन और प्रियंका गांधी के आमने-सामने आ गये है. योगी सरकार ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि अगर उन्हें लखनऊ में बसें पहुंचाने में दिक्कत है तो नोएडा और गाजियाबाद के डीएम को 12 बजे तक दे दें. यूपी सरकार ने प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कहा कि यदि आप लखनऊ में बस देने में असमर्थ हैं और नोएडा, गाजियाबाद बॉर्डर पर ही बस देना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में गाजियाबाद के जिलाधिकारी को 12 बजे तक 500 बस उपलब्ध करा दें.

इससे पहले प्रियंका गांधी की तरफ से हजार बस उपलब्ध कराए जाने की सूचना उत्तर प्रदेश के गृह सचिव अवनीश अवस्थी को दिए जाने के बाद उनकी तरफ से एक और लेटर जारी किया गया था. जिसमें बसों के ड्रइवरों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवर के लाइसेंस के साथ लखनऊ के डीएम को सौंपने के लिए कहा गया है. उत्तर प्रदेश के गृह सचिव के इस पत्र का जवाब प्रियंका गांधी ने दिया था.

UP के गृह सचिव का प्रियंका ने दिया था जवाब

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपने जवाब में लिखा था कि हमें देर रात 11:40 बजे ईमेल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी का पत्र मिला, जिसमें लखनऊ में सुबह 10 बजे आवश्यक दस्तावेजों के साथ 1000 बसों को सौंपने के लिए कहा गया. लेटर में आगे कहा गया है कि प्रवासी यूपी बॉर्डर, खासकर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. ऐसे समय में जब उनमें से अधिकांश सड़कों पर चल रहे हैं और पंजीकरण के लिए यूपी की सीमा पर एकत्रित हुए हैं, 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजना न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि अमानवीय भी है.

प्रियंका ने यूपी सरकार से मांगी थी अनुमति

बता दें कि सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा था कि कांग्रेस प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने के लिए एक हजार बसें देने के लिए तैयार है और इसके लिए यूपी सरकार की ओर से अनुमति दी जाए. उन्होंने सोमवार के अपने ट्वीट में कहा था कि ‘हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ जी हमें परमीशन दीजिए. हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए.