WHO ने लोगों से दांतों की रूटीन जांच फिलहाल नहीं कराने की अपील की

कोरोना संक्रमण तेज़ी से विश्व में बढ़ता जा रहा हैं। साथही इसकी वैक्सीन और दवा को लेकर लगातार अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों से दांतों की रूटीन जांच फिलहाल नहीं कराने की अपील की है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना संक्रमण के में दौर में दांतों की जांच कराने से संक्रमण का खतरा है। डब्ल्यूएचओ ने डेंटल क्लीनिक और ओरल हेल्थ एक्सपर्ट से कहा है कि वे यथासंभव मरीज को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देखें। अगर बहुत जरूरी हो, तभी क्लीनिक बुलाएं। साथही इस दौरान पीपीई किट पहनें को ज़रूरी बताया है। जारी दिशानिर्देश में के महत्वपूर्ण बिंदु इस तरह है :

डेंटल चेकअप और ओरल ट्रीटमेंट से बचें

  • डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, लोग अभी दांतों के रूटीन चेकअप से बचें। जबतक कोरोना संक्रमण के मामले कम नहीं जाते, इसपर नियंत्रण नहीं हो जाता, तबतक डेंटल चेकअप और ओरल ट्रीटमेंट कराने से बचें।
  • डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि महामारी काल में अपने दांतों की देखभाल खुद करें। बहुत ज्यादा जरूरी हो तो फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञ की सलाह लें। टेलीमेडिसिन का दौर है, टेलीकम्यूनिकेशन की मदद लें। ऐसा करने से काफी हद तक सामुदायिक प्रसार को रोका जा सकेगा।
  • इस कोरोना महामारी काल में स्वास्थ्य विशेषज्ञ खुद संक्रमण के हाई रिस्क जोन यानी उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में हैं। ऐसे में एक-दूसरे से संक्रमण फैल सकता है। अस्पताल, डेंटल क्लीनिक, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कम हवादार भवन जैसे उच्च जोखिम क्षेत्र में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। इसलिए फिलहाल बहुत जरूरी न हो तो रूटीन डेंटल चेकअप को कुछ दिन के लिए टाल दें।

क्या कारण है,  डेंटल क्लीनिक में खतरे का  ?

डेंटल क्लीनिक में तीन प्रकार से संक्रमण फैल सकता है।

  • खांसने, छींकने के दौरान मुंह या नाक में सीधे तौर पर ड्रॉपलेट्स पड़ सकते हैं।
  • किसी की आंख, नाक या मुंह की लार से भी संक्रमण फैल सकता है।
  • संक्रमित सतहों को छूने या फिर उनके संपर्क में आने से भी संक्रमण फैल सकता है।

गौरतलब है कि, दांतों की सफाई या अन्य ट्रीटमेंट, डेंटल एक्सपर्ट एयरोसोल जेनरेटिंग प्रोसिजर अपनाते हैं, जिसके कारण वायरस के कण से संक्रमण फैल सकता है। ऐसे में यदि  मुंह में किसी तरह का इन्फेक्शन है, सूजन है और दवा से मिल सकती है तो दावा बेहतर विकल्प है। यदि ऐसा करने में कठिनाई हो रही, तो इलाज की जरूरत है। ऐसे में फ़िलहाल रूटीन जांच टाल देना ही बेहतर विकल्प है।