पटना के जेडीएम हॉस्पीटल द्वारा अनुचित ,अवैध एवं मनमानी फीस रखने और वसूलने के आरोप में अस्पताल के डायरेक्टर सहित 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। प्राथमिकी कंकड़बाग थाने में दर्ज की गयी है। वहीं डीएम ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को पक्का पुर्जा देने, उचित फीस रखने और खर्च का पूरा ब्योरा स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
डीएम ने जांच का दिया निर्देश
जेडीएम हॉस्पिटल कंकड़बाग में मनमानी फीस रखने एवं मरीजों से जबरन फीस की वसुली करने तथा परिजनों को प्रताड़ित करने संबंधी लिखित शिकायत के आधार पर जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी सदर तनय सुल्तानिया को टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया।
कच्चे बिल पर लाखों की मांग
जांच टीम ने अस्पताल प्रशासन के कर्मियों तथा मरीजों एवं उसके परिजनों से पूछताछ की। जांच के क्रम में पाया गया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा कच्चा बिल देकर मरीज एवं उसके परिजन को 634200 रूपये भुगतान करने को कहा। मरीज के परिजन द्वारा पक्का बिल एवं खर्च का आइटमवार विवरणी की मांग करने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीज को जोर जबरदस्ती कर हॉस्पिटल में बंद कर दिया गया तथा मरीज एवं उनके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
डायरेक्टर, लैब टेक्निशियन सहित 5 पर एफआईआर
इसके बाद जेडीएम हॉस्पिटल, पूर्वी इंदिरानगर, कंकड़बाग के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर ,लैब टेक्नीशियन सहित 5 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341 ,342, 406 ,420, 120बी, 34 तथा महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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