सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामलें में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ सोमवार को उनपर एक रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि यदि वह इसे 15 सितंबर तक जमा नहीं कराते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल और तीन साल तक प्रैक्टिस करने से रोक दिया जाएगा। यह फैसला न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया।
कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मांगी थी राय
इससे पहले कोर्ट ने 25 अगस्त को उनकी सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रशांत भूषण को सजा सुनाने के मुद्दे पर कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से राय मांगी थी। जिस पर वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। कोर्ट ने बीते मंगलवार को अवमानना में दोषी ठहराए गए भूषण की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए अफसोस जताया कि जजों की निंदा की जाती है। उनके परिवारवालों को अपमानित किया जाता है और वह बोल तक नहीं सकते।
बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर की थी टिप्पणी
22 जून को वरिष्ठ वकील ने अदालत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद 27 जून के ट्वीट में प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय के छह साल के कामकाज को लेकर टिप्पणी की थी। इन ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी।
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