राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर देश को किया संबोधित, कहा- एनईपी का मकसद शैक्षिक प्रणाली को पुनर्जीवित करना

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि एनईपी का उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में हमारी शैक्षिक प्रणाली को पुनर्जीवित करना है। यह सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक न्यायसंगत और जीवंत ज्ञान समाज विकसित करने की दृष्टि निर्धारित करता है। यह जुड़ाव और उत्कृष्टता के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करता है।

एक महान केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने की संभावना

राष्ट्रपति ने कहा, ‘एनईपी अंक या ग्रेड के लिए रट्टा मारने को हतोत्साहित करना चाहता है। यह महत्वपूर्ण सोच और जांच की भावना को प्रोत्साहित करना चाहता है। भारत प्राचीन काल में विश्व स्तर पर सम्मानित शिक्षा केंद्र था। तक्षशिला और नालंदा के विश्वविद्यालयों को प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त था। लेकिन आज भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों को वैश्विक रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त नहीं है।’ उन्होंने कहा कि एनईपी के प्रभावी कार्यान्वयन से भारत के गौरव को सीखने के एक महान केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने की संभावना है। एनईपी 2020 के लक्ष्यों में से एक है उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 2035 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाना। प्रौद्योगिकी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकती है।