शिवसेना की पत्रिका ‘सामना’ में UPA को बताया गया NGO, शरद पवार को UPA की कमान सौंपने की वकालत

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के माध्यम से यूपीए पर जमकर बोला गया है. शिवसेना ने महाराष्ट्र में अपने सरकार में सहयोगी रहे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया है. राहुल पर सवाल उठाने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना के इस कदम का प्रभाव महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार पर पड़ता है या नहीं।  इसके साथ ही शरद पवार की वकालत करते हुए परोक्ष रुप से यूपीए का नेतृत्व शरद पवार को सौंपने की वकालत की  है.

यूपीए की अवस्था फिलहाल एक NGO की तरह

शिवसेना की मुख्यपत्र सामना में सीधे-सीधे कांग्रेस का नाम लिए बिना लिखा गया है, पार्टी के नेतृत्व में यूपीए नाम का एक राजनीतिक संगठन है. इस यूपीए की अवस्था फिलहाल एक NGO की तरह नजर आती है. यूपीए में शामिल NCP के अलावा दूसरी पार्टियां किसानों के इस मुद्दे पर आक्रमक होती नहीं दिखाई दे रही है

सरकार के आगे विपक्ष बेअसर

सामना के संपादकीय में यह भी कहा गया है कि भाजपा का विरोध करने के लिए जब तक यूपीए के सभी दल शामिल नहीं होंगे, तब तक विपक्ष सरकार के आगे बेअसर नजर आएगा। शिवसेना ने कहा, प्रियंका गांधी को दिल्ली की सड़क पर हिरासत में लिया गया, राहुल गांधी का मजाक उड़ाया गया, यहां महाराष्ट्र में सरकार को काम करने से रोका जा रहा है, यह पूरी तरह लोकतंत्र के खिलाफ है।